ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान स्टीव वॉ ने कहा है कि साल 2010 में 56 बार बुकियों ने खिलाड़ियों से मैच फिक्स करने के लिए संपर्क किए.
वॉ ने कहा कि ये सभी मामले आईसीसी में दर्ज हैं. वॉ ने इन दिनों मैच फिक्सिंग के खिलाफ मुहिम छेड़ दी है. हाल ही में उन्होंने कहा था कि दोषी खिलाड़ियों पर लाई डिटेक्टर टेस्ट होना चाहिए.
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स्टीव वॉ का सनसनी खेज़ खुलासा किया है कि 56 खिलाड़ियों को मैच फिक्सिंग की पेशकश की गई थी. चौंकाने वाली बात यह है कि ये आंकड़े साल 2010 के हैं.एक-दो नहीं पूरे 56 खिलाड़ियों ने ये शिकायत आईसीसी से की है. वॉ के मुताबिक उन्हें भी बुके ने गलत काम की पेशकश दी.
ज्ञात हो कि वॉ इन दिनो क्रिकेट में मैच फिक्सिंग को उखाड़ फेंकने की मुहिम में लगे हैं. क्रिकेट को पाक साफ करने की इस मुहिम में वो कड़े कदम देखना चाहते हैं.
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एक इंटरव्यू में वॉ ने कहा, 'मैच फिक्सिंग में दोषी पाए गए खिलाड़ी पर उम्र भर का बैन लगा देना चाहिए.' हाल ही में वॉ ने मैच फिक्सिंग को दूर करने के लिए लाई डिटेसक्टर टेस्ट का इस्तेमाल करने की बात भी कही.
वॉ को पता था कि मैच फिक्सिंग का दानव अभी भी ज़िंदा है. दरअसल फिक्सिंग क्रिकेट का सबसे बड़ा नासूर बना हुआ है. पिछले साल पाकिस्तान के तीन खिलाड़ियों को स्पॉट फिक्सिंग में पकड़ा गया. और फिर सज़ा भी दी गई. लेकिन वॉ के इस बयान ये साफ होता है कि अभी लंबी लड़ाई बाकी है.