अनुभवी लिएंडर पेस आखिरकार लंदन ओलंपिक में खेलने को राजी हो गए हैं. भारतीय टेनिस को झकझोर देने वाले चयन विवाद के बाद उन्होंने ओलंपिक के बहिष्कार की धमकी दे डाली थी.
ओलंपिक में भागीदारी को लेकर कई दिन चुप्पी साधने के बाद पेस ने विंबलडन में चेक गणराज्य के राडेक स्टीपानेक के साथ पहले दौर का मैच जीतने के बाद प्रेस कांफेंस में भागीदारी की पुष्टि की.
पेस ने कहा, ‘मैं ओलंपिक में उस टीम के साथ देश का प्रतिनिधित्व करूंगा जिसका चयन अखिल भारतीय टेनिस संघ ने किया है.’
उन्होंने कहा, ‘मैं यहां खेलने के लिये आया हूं, राजनीति करने नहीं.’
भारत का नंबर एक युगल खिलाड़ी होने के बावजूद विष्णु वर्धन जैसे जूनियर खिलाड़ी के साथ जोड़ी बनाये जाने से खफा पेस ने ओलंपिक के बहिष्कार की धमकी दी थी.
पेस के मनचाहे जोड़ीदारों महेश भूपति और रोहन बोपन्ना ने उनके साथ खेलने से इनकार कर दिया. एआईटीए ने आखिरकार दबाव के आगे झुकते हुए दो टीमें ओलंपिक भेजने का फैसला किया जिससे पेस खफा थे.
पेस की मिश्रित युगल में सानिया मिर्जा के साथ जोड़ी बनाई गई जबकि उसने महेश भूपति के साथ हाल ही में फ्रेंच ओपन जीता था. सानिया ने भी पेस को निशाना बनाते हुए कहा कि उन्हें मनाने के लिये उसका इस्तेमाल ‘चारे ’ की तरह किया गया है.
युगल विश्व रैंकिंग में सातवें स्थान पर काबिज पेस को वर्धन के साथ जोड़ी पर भी ऐतराज नहीं है जो एटीपी रैंकिंग में 307वें स्थान पर है.
पुरूष युगल में सात बार के ग्रैंडस्लैम विजेता पेस ने अटलांटा में 1996 ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीता था.
रिकॉर्ड छठा ओलंपिक खेलने जा रहे पेस ने कहा कि वह विष्णु वर्धन की मदद करेंगे जिसका यह पहला ओलंपिक है.
उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि ग्रासकोर्ट पर उसका खेल कैसा है. वह अच्छा लड़का है और मुझे उसके साथ खेलकर खुशी होगी.
पेस ने कहा, ‘मुझे पता है कि सामने बहुत दिक्कतें आयेंगी. वह कभी विंबलडन खेला नहीं है. एक अनुभवी खिलाड़ी होने के नाते मैं उसकी जो मदद कर सकता हूं, करूंगा.’ पेस से खेलने की पुष्टि मिलने के बावजूद भूपति नये विवाद को जन्म दे सकते हैं जिन्होंने सानिया के साथ मिश्रित युगल खेलने की इच्छा जताई है.