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मै खुद को ‘दीवार’ नहीं समझताः राहुल द्रविड़

अपनी ठोस बल्लेबाजी के लिए ‘दीवार’ के नाम से मशहूर सीनियर बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ने कहा कि वह इस ठप्पे से अलग हैं जो वषरें से उनके साथ जुड़ा हुआ है.

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राहुल द्रविड़
राहुल द्रविड़

अपनी ठोस बल्लेबाजी के लिए ‘दीवार’ के नाम से मशहूर सीनियर बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ने कहा कि वह इस ठप्पे से अलग हैं जो वषरें से उनके साथ जुड़ा हुआ है.

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अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 15 बरस से भी अधिक समय बिताने वाले इस 38 वर्षीय बल्लेबाज ने कहा, ‘मैं इससे अलग हूं. मैंने कभी इसके बारे में नहीं सोचा. मैं खुद के दीवार होने के बारे में नहीं सोचता.’ भारतीय टेस्ट टीम के नियमित खिलाड़ी द्रविड़ ने कहा कि प्रतिभावान युवाओं के आने से टीम में प्रतिस्पर्धा कई गुना बढ़ गई है.

द्रविड़ ने ‘विजडन क्रिकेटर’ के नवीनतम संस्करण में कहा, ‘युवा भारतीय बल्लेबाजों की अच्छी पौध सामने आ रही है जिन्होंने एकदिवसीय क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन उन्हें अभी टेस्ट क्रिकेट में खुद को साबित करना है.’ उन्होंने कहा, ‘टीम में जगह के लिए अच्छी प्रतिस्पर्धा है. हमारे पास दो या तीन सीनियर खिलाड़ी हैं जो संभवत: हमेशा टीम में नहीं रहेंगे. इसलिए यह कई खिलाड़ियों के लिए अहम समय है जो टीम में अपनी जगह पक्की करने में जुटे हैं.’

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कुछ पूर्व खिलाड़ियों के मुताबिक ट्वेंटी20 के कारण टेस्ट क्रिकेट अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहा है लेकिन द्रविड़ ने कहा कि स्थिति इतनी खराब भी नहीं है जितनी बताई जा रही है.

द्रविड़ ने कहा, ‘यह उतना चिंताजनक नहीं है जितना कुछ लोगों ने इसे बना दिया है. ट्वेंटी20 के आने से चुनौती बढ़ी है लेकिन मुझे अब भी लगता है लोग टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहते हैं लेकिन ट्वेंटी20 काफी सफल हो गया है.’

उन्होंने कहा, ‘अब चुनौती यह है कि हम खेल के इस प्रारूप का कार्यक्रम कैसे तय करें कि यह खेल के अन्य प्रारूपों को प्रभावित नहीं करे. यही अहम है. टेस्ट क्रिकेट लंबे समय ये अपने अस्तित्व को बचाने में सफल रहा है.’ मध्यक्रम के इस बल्लेबाज ने हालांकि स्वीकार किया कि भारत में टेस्ट क्रिकेट में लोगों की रुचि कम हुई है.

द्रविड़ ने हालांकि इस बात से इंकार कर दिया कि युवा खिलाड़ी ट्वेंटी20 से जल्द मिलने वाले पैसे के लिए टेस्ट क्रिकेट की अनदेखी कर सकते हैं.

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उन्होंने कहा, ‘आजकल अधिक विकल्प मौजूद हैं. जब मैं बड़ा हो रहा था तो अधिक विकल्प नहीं थे. अगर खेल से आप अच्छी आजीविका कमाना चाहते हैं तो आपको टेस्ट क्रिकेट खेलना ही होता था.’ द्रविड़ ने अपने मजबूत डिफेंस से दुनियाभर के गेंदबाजों को परेशान किया लेकिन एक गेंदबाज ऐसा भी था जिसका सामना करते हुए यह दिग्गज बल्लेबाज भी नर्वस हो जाता था.

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द्रविड़ ने कहा, ‘इसमें कोई शक नहीं कि मुथैया मुरलीधरन ने मेरे कैरियर के दौरान सबसे अधिक मेरी रातों की नींद उड़ाई. उसके पास कई चीजों का संयोजन था जिसमें गेंद को स्पिन कराने की क्षमता, विविधता, प्रतिस्पर्धा और अच्छा प्रदर्शन करने की भूख के अलावा कई चीजें शामिल हैं.’

क्रिकेट में 15 बरस की व्याख्या करने के लिए कहने पर द्रविड़ ने कहा, ‘मुझे इस बात पर काफी गर्व है कि भारत दुनिया की नंबर एक टेस्ट टीम है. मैं 1996 से भारतीय क्रिकेट को देख रहा हूं और इस सफर का हिस्सा होना और भारत को दुनिया की नंबर एक टीम बनते हुए देखना काफी गर्व की बात है.’

यह पूछने पर कि क्या वह काउंटी क्रिकेट खेलने को लेकर उत्साहित हैं, द्रविड़ ने कहा, ‘मैं इसे लेकर सुनिश्चित नहीं हूं. मेरे पास इसके लिए समय है. हम अगले सत्र में देखेंगे. अगर विकल्प मिलता है तो क्या पता मैं इसके बारे में सोच सकता हूं.’

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