भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने अभ्यास सत्र से कन्नी काटने वाले भारतीय क्रिकेटरों पर जमकर बरसते हुए कहा कि वे आस्ट्रेलिया में ‘क्रिकेट खेलने नहीं बल्कि सैर सपाटे’ के लिये गए हैं.
गावस्कर ने अभ्यास को लेकर भारतीयों के रवैये की निंदा करते हुए कहा, ‘आस्ट्रेलिया में क्रिसमस बड़ा उत्सव होता है और आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों का पहले टेस्ट में अभ्यास से आराम लेना समझ में आता है. लेकिन हमारे खिलाड़ी क्या कर रहे थे. उन्होंने अभ्यास क्यों नहीं किया. वे तफरीह करने गए हैं या क्रिकेट खेलने.’
उन्होंने कहा, ‘पहला टेस्ट चार दिन में खत्म हो गया और पांचवें दिन विश्राम करना समझ में आता है लेकिन उसके बाद अभ्यास क्यों नहीं किया. मुझे खिलाड़ियों का रवैया समझ में नहीं आ रहा दौरे पर कड़ा अभ्यास जरूरी है. पता नहीं उनसे कोई सवाल क्यों नहीं किये जा रहे.’ आस्ट्रेलिया ने चार मैचों की श्रृंखला में 2-0 से बढ़त बना ली है. गावस्कर ने चार टेस्ट के बीच अभ्यास मैच नहीं कराने के लिये भारतीय क्रिकेट बोर्ड की भी निंदा की.
उन्होंने कहा, ‘श्रृंखला से पहले दो अभ्यास मैच खेलना अच्छी बात थी लेकिन पर्थ में दूसरे और तीसरे टेस्ट के बीच अ5यास मैच क्यो नहीं है. दोनों मैचों के बीच एक सप्ताह का अंतराल है.’ उन्होंने कहा, ‘यदि कार्यक्रम बनाने से पहले बीसीसीआई की तकनीकी समिति को विश्वास में नहीं लिया जाता तो समिति का मतलब ही क्या है.’ गावस्कर ने कहा कि वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू श्रृंखला में वनडे मैच पहले और टेस्ट बाद में होने चाहिये थे ताकि खिलाड़ी पांचदिनी प्रारूप में ढलकर आस्ट्रेलिया जाते.
उन्होंने कहा, ‘हम सीमित ओवरों का क्रिकेट अत्यधिक खेल रहे हैं. हम धीमी पिचों पर खेलते हैं जबकि आस्ट्रेलियाई पिचें तेज और सख्त हैं. खिलाड़ियों के लिये बैकफुट से फ्रंटफुट पर खेलना आसान नहीं होता.’ उन्होंने यह भी कहा कि फिट होने पर प्रवीण कुमार को आस्ट्रेलिया भेजा जाना चाहिये. गावस्कर ने मीडिया को सचिन तेंदुलकर के सौवें अंतरराष्ट्रीय शतक को लेकर हाइप नहीं बनाने की सलाह दी. उन्होंने हालांकि कहा कि सचिन को वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे श्रृंखला खेलनी चाहिये थी ताकि इस शतक का बोझ उनके कंधों पर नहीं रहता.