शाहिद कपूर का मानना है कि मनोरंजन उद्योग में लंबे समय तक बने रहने कजे लिए जरूरी है कि प्रासंगिक और प्रायोगिक बने रहें. इंडिया टुडे माइंड रॉक्स 2018 के मंच से शनिवार को उन्होंने सक्सेस मंत्र साझा किया.
शाहिद ने कहा, "एक समय में अभिनेताओं को लगता है लोग उनके व्यक्तित्व की वजह से उन्हें प्यार कर रहे हैं. लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है. ऑडियंस के साथ सिनेमा बहुत तेजी से बदल रहा है. यह जरूरी है कि आप समय के साथ खुद को खोजते रहें. यहां इस उद्योग में बने रहने का केवल एक ही रास्ता है. मौजूं रहें और प्रयोग करते रहें." माइंड रॉक्स का ये स्तर अंजना ओम कश्यप मॉडरेट कर रही थीं.
शाहिद ने यह भी कहा, "फिट दिखना जरूरी है. लेकिन अब सबकुछ वही होता जा रहा है. ऐसा होना सही नहीं है."
शाहिद के लिए क्या हैं कामयाबी-नाकामयाबी के मायने?
शाहिद ने कहा- "सफलता और नाकामयाबी आते और जाते हैं. लोग ऊब जाएंगे अगर एक ही चीज आप बार-बार करते रहेंगे. पिछले पांच सालों में मैंने खुद को एक एक्टर के तौर पर दोबारा खोजने की कोशिश की है. मैं यथा संभव कोशिश कर रहा हूं. एक समय पूरा होने के बाद आप सही फिल्मों का चयन करना सीख जाते हैं. समय बीतने के साथ आप खुद को बेहतर पाते हैं."
शाहिद ने कहा, "मैं सोचता हूं कि हम एक ऐसे दौर में रह रहे हैं जहां सभी चीजें एक्सिसेबल हैं." विवादों से खुद के जुड़ने के सवाल पर कहा- "हम एक ऐसे समय में भी रह रहे हैं जहां इस तरह की भी दिक्कते हैं कि क्या कहना चाहिए और क्या नहीं. फिल्में और फिल्मकार मजबूत होकर सामने आ रहे हैं. और वो लोग जो इसका विरोध कर रहे हैं वो ज्यादा कट्टर हो रहे हैं. उड़ता पंजाब और पद्मावत मेरे करियर की दो महत्वपूर्ण फिल्में हैं. इसे दर्शकों ने भी बहुत प्यार दिया. ये लोगों का प्यार है जो मेरे लिए किन्हीं दूसरी चीजों से ज्यादा महत्वपूर्ण है."
कौन हैं शाहिद कपूर ?
शाहिद कपूर बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता हैं. इम्तियाज अली के निर्देशन में जब वी मेट से उन्हें बड़ी पहचान मिली थी. 15 साला के बॉलीवुड करियर में शाहिद ने कमीने, हैदर, उड़ता पंजाब और पद्मावत जैसी फिल्में की हैं. इनमें शाहिद की भूमिकाओं को खूब सराहा गया है. बत्ती गुल मीटर चालू उनकी आने वाली फिल्म है.