एजेंडा आजतक 2025 के पहले दिन बॉलीवुड की फेमस एक्ट्रेस नुसरत भरूचा ने शिरकत की. एक्ट्रेस ने 'दिल चोरी साड्डा हो गया' सेशन में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने बॉलीवुड, साउथ की फिल्मों और अपने करियर पर बात की.
नुसरत भरूचा से जब पूछा गया बॉलीवुड में कितना मुश्किल है लड़कियों के लिए? इस पर एक्ट्रेस ने कहा, 'एक्ट्रेस के लिए काफी मुश्किल होती है. मैं आउटसाइडर हूं. मैं ऑडिशन दे दे कर पहुंची थीं. वहां से लेकर फिल्म 'छोरी' तक मेरे लिए ये काफी जरूरी था. जिसकी जो भी वो कहानी हो, जिसका जो स्ट्रगल हो, मुझे उसका फेस बनने का मौका मिला. छोरी के पहले और दूसरे पार्ट को लोगों ने काफी पसंद किया, इसलिए अब हम छोरी 3 बनाएंगे. मेरे लिए पूरे करियर का रिवॉर्डिंग छोरी ही रहा है.'
जब नुसरत से पूछा गया कि आपका सिलेक्शन बॉलीवुड में कैसा हुआ?
इस पर एक्ट्रेस ने कहा, 'मैंने शुरुआत कॉमेडी से की थी. बॉलीवुड के अंदर ऐसी विचारधारा है कि अगर आप कमर्शियल फिल्में कर रहे हैं तो आप ऑथेटिंक या सीरियस फिल्में नहीं कर पाएंगे. जब मैंने 'प्यार का पंचनामा' की तो मेरी परफॉर्मेंस को मजाक माना गया कि मैं ऐसी ही फिल्मों में ठीक लगूंगी. मुझे लोग सीरियस नहीं लेंगे. लेकिन जब मेरे पास OTT फिल्म 'छोरी' आई तो मैंने उसे ग्रैब कर लिया. इसलिए मैंने सोच लिया कि ये तो मुझे करना ही है. इसके जरिए मैंने लोगों के विचार बदल दिए.'
मेल डॉमिनेटेड फिल्में ज्यादा क्यों चलती हैं?
जब एक्ट्रेस नुसरत से पूछा गया कि मेल डॉमिनेटेड फिल्में ज्यादा क्यों चलती हैं? इसपर एक्ट्रेस ने कहा, 'चलने से ज्यादा बनती कम हैं. देश में पॉपुलेशन में मेल ही ज्यादा हैं. ये हमारे देश की सिचुएशन है. हम इतने सालों से ही वो ही देख रहे हैं. बदलाव एकदम नहीं होता है, इसे वक्त लगेगा. लेकिन ये होगा जरूर.'
'महिलाओं को लेकर भी फिल्में बनती हैं, जो कनेक्ट करती हैं, वो अच्छा बिजनेस करती हैं. 'मिमी', 'छोरी', 'ड्रिम गर्ल', 'अकेली', 'पिंक' सभी फिल्में चलीं. मेरे लिए 'खून भरी मांग' काफी अच्छी थी. हीरोइज्म जेंडर बेस्ड नहीं है. फीमेल भी हीरो के तौर पर काम कर सकती है. इसे बनाकर तो देखो. हमारे यहां बनती कम हैं.'
नुसरत भरूचा का अगला प्रोजेक्ट?
एक्ट्रेस ने अपने नए प्रोजेक्ट का खुलासा करते हुए कहा, 'मैं नीरज पाण्डेय की अगली फिल्म कर रही हूं. ये मेरे काफी क्लोज है. ये एक थ्रिलर ड्रामा फिल्म है. इसमें एक बहुत जरूरी मुद्दा है, जिसपर लड़कियां बात नहीं करती हैं. मैं वो फिल्म कर रही हूं, जो अगले साल आएगी.'
बॉलीवुड में नेपोटिज्म के बीच कैसे जगह बनाई?
एक्ट्रेस नुसरत भरूचा ने कहा, 'फिल्म 'प्यार का पंचमामा' ऑडिशन से मुझे मिली थी. तब मैंने ऑडिशन दिए. उसी पर टैलेंट दिखा रही थी. लोगों को पसंद आई तो कास्ट हो गई. वो वक्त मेरा था. वो शुरुआत थी. वहां से यहां तक आने का समय कठिन था. मैं हर फिल्म दिल से करती हूं. ऑडियंस ने प्यार दिया तो यहां बैठी हूं.'
फिल्मों में काम को लेकर घर वालों ने क्या कहा?
नुसरत भरूचा ने कहा, 'मुझे एक्टिंग का कोर्स करना था. घर वालों ने कहा इससे क्या होगा? डिग्री लो, जॉब करो. ये क्या है. मैं कोर्स नहीं कर पाई. लेकिन जब मुझे पहली फिल्म मिली तो मैंने घर पर बताया. छुट्टियों में मैंने फिल्म की. एक और एक करते-करते बहुत फिल्में कर दी. मैं बस फिल्में करती गई. हम फिल्मों के साथ सीखते गए.'
पहली बार कब सपना देखा एक्ट्रेस बनने का?
नुसरत ने बताया सबसे पहले थियेटर में मुझे पापा ने काजोल की फिल्म 'सपने' दिखाई थी. मुझे इस फिल्म में काजोल, अरविंद स्वामी और प्रभु देवा से प्यार हो गया था. इसके बाद दूसरी फिल्म 'हम दिल दे चुके सनम' देखी. इसमें भी मुझे सभी से प्यार हो गया. मुझे लगा जो फिल्मों में होता है, वो सब असलियत में होता है. मैंने सोच लिया कि मुझे भी ये जीना है.'
आपका सबसे पसंदीदा किरदार कौन सा?
एक्ट्रेस ने कहा, 'फिल्म 'जनहित में जारी' मेरे दिल के काफी करीब है. उस फिल्म में मैंने स्टैंड लिया है. परिवार से लड़ी हूं, शादी नहीं करना, अपने पैरों पर खड़े होना है, जॉब करना है. इस फिल्म में मैंने घर और परिवार दोनों संभाला. अपने रास्ते पर चली. मैं रियल लाइफ में भी ऐसी ही हूं. मैंने बैलेंस करके चला है. किसी को हर्ट करके कुछ नहीं किया.'
किस डायरेक्टर के साथ काम करना पसंद हैं?
एक्ट्रेस ने कहा, 'डायरेक्टर अभिषेक चौबे के साथ काम करने का मन है. मुझे इम्तियाज अली काफी पसंद हैं. उनकी फिल्मों में सोल है. डायरेक्टर संजय लीला भंसाली काफी पंसद हैं, उनकी फ्रेम में ही सब फील हो जाता है. इसके अलावा विशाल और लव रंजन भी मेरे पसंदीदा हैं.'
क्या हमारे देश में कलाकार को धर्म के चश्में से देखा जाता है?
एक्ट्रेस नुसरत भरूचा ने कहा, 'मुझे नहीं पता. मैंने इसके बारे में नहीं सोचा. ना मैंने उस नजरिए से देखा. मैं उन लोगों को जानती नहीं. जिसे देखना है देखें. मेरा एक रिश्ता है, सच से. मेरी पर्सनल च्वॉइस है. लोगों को जैसा देखना है, देखें मेरे लिए मैटर नहीं करता.'
देश की राजनीति पर आपका व्यू?
एक्ट्रेस ने कहा, 'मैंने पहले भी कहा है मुझे अपने देश पर काफी गर्व है. यहां की लीडरशिप पर गर्व है. आज हम विकासशील देशों में से एक हैं. हमारा नाम टॉप पर है. हमारा बाजार खुला हुआ है, हमारे यहां सबकुछ मिल रहा है. हम प्रोग्रेस कर रहे हैं. मुझे भारतीय होने पर गर्व है.'
इंडस्ट्री की चकाचौंध सक्सेस पर विचार?
एक्ट्रेस ने कहा, 'चकाचौंध नहीं होती है. आपकी फिल्म हिट होती है, इसका मतलब इतने लोगों ने मेरी फिल्म देखी. इससे ज्यादा मैंने सोचा नहीं. हर शुक्रवार चीजें बदलती हैं. दो महीने बाद मेरी फिल्में नहीं चलेंगीं. मेरी चाहे कितनी वाह-वाही हो जाए, मैं ये नहीं सोचती. फिल्म काम है, दिल से करो. एन्जॉय करो. मुझे मौका मिला है, काम करने का. काम करके घर जाती हूं.'
साउथ की फिल्में बॉलीवुड से कैसे अच्छी?
एक्ट्रेस ने कहा, 'मैं मानती हूं, अब सब पैन इंडिया है. साउथ में काफी अच्छी स्टोरी हैं. वो कैप्चर करती हैं. वो फिल्में अच्छी बनाते हैं. हमारी फिल्में कनेक्ट नहीं कर रहीं. मेरी मानों तो भीड़ से कनेक्ट नहीं कर पा रहे. जबकि साउथ की फिल्में लार्जर ऑडियंस को कनेक्ट कर रही हैं. रिजनल फिल्मों का स्टोरी टेलिंग काफी बढ़िया है. गुजराती फिल्में काफी चल रही हैं. मराठी फिल्में काफी चल रही हैं. हिंदी इकलौती नहीं कई क्षेत्रीय फिल्में हैं. अच्छा काम करोगे तो लोग मिलेंगे.'
सबसे पसंदीदा डायलॉग कौन-सा है?
मेरी फिल्म 'छलांग' आई थी. उसका एक डायलॉग काफी अच्छी है. जो मैं काफी रिलेट करती हूं. 'क्रिकेट में बैटिंग देख कर एक सीख मिलती है. गेम पहले से डिसाइड नहीं की जाती. बॉल देख के मारा जाता है. मारना है या डिफेंड करना है.'