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भीख मांगकर बीता जिसका बचपन, हौसलों से 2 लाख महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर

फूल बासन यादव
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कौन बनेगा करोड़पति का शुक्रवार को आने वाला कर्मवीर एपिसोड सभी की प्रेरित करता है, समाज के लिए कुछ अच्छा करने की सीख देता है. उस एक एपिसोड में पूरा देश उन महान लोगों से मिलता है जिन्होंने ना सिर्फ समाज की सेवा की है बल्कि कई लोगों की जिंदगी हमेशा के लिए बदल दी.

फूल बासन यादव
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इस शुक्रवार कर्मवीर एपिसोड में पद्मश्री फूल बासन यादव आने वाली हैं. छत्तीसगढ़ में अपने काम से लाखों महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने वालीं फूल बासन यादव अब अमिताभ बच्चन को अपने संघर्ष के बारे में बताएंगी.
 

रेणुका शहाणे
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चैनल की तरफ से उस एपिसोड के कई प्रोमो रिलीज किए गए हैं. उस एपिसोड में फूल बासन संग एक्ट्रेस रेणुका शहाणे भी नजर आएंगी. वे उस गेम में उनकी मदद करने लिए आएंगी.
 

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रेणुका शहाणे
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फूल बासन यादव की बात करें तो उनकी शादी बचपन में ही कर दी गई थी. उन्हें काफी तकलीफ का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने उन तकलीफों से हार नहीं मानी, बल्कि अपने गांव में ही सभी महिलाओं को इकट्ठा कर एक नई मुहिम की शुरुआत की. छत्तीसगढ़ में मां बलमेश्वरी जनहितकारी समिति का गठन कर फूल बासन ने लाखों महिलाओं की जिंदगी हमेशा के लिए बदल दी.

अमिताभ बच्चन
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फूल बासन के मुताबिक शुरुआती समय में उन्होंने सभी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सभी से एक-एक दो-दो रुपये जमा करनेे से शुरुआत की. बाद में उन्होंने बैंक से छोटे कर्ज दिलवाए और उन्हें 11 महीने में उसे चुकाने की आदत भी डाली. फूल बासन मानती हैं शुरू में जो महिलाएं खुद नौकर बन काम किया करती थीं, अब सभी एक तरह से मालिक बन गई हैं. 

कभी भीख मांगकर जीवन जीने वाली फूल बासन यादव आज 200 गांव की दो लाख महिलाओं को आत्मन‍िर्भर बना चुकी हैं. उनके सम्मान में रेणुका शहाणे ने कहा कि आपने मुझे भी प्रे‍र‍ित क‍िया है. मैं भी समाज के ि‍लिए कुछ करना चाहती हूं. 

अमिताभ बच्चन
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लेकिन समय के साथ फूल बासन यादव की ये मुहिम भारत सरकार की नजर में भी आई. उनकी पहचान महिला सशक्तिकरण संग जोड़ दी गई. वे ना सिर्फ समाज के लिए मिसाल बनी बल्कि कई महिलाओं को उन्होंने आत्मनिर्भर भी बना दिया. पद्मश्री के अलावा भी उन्होंने कई अवॉर्ड अपने नाम किए.

फूल बासन यादव
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वैसे फूल बासन यादव की संस्थान में जितनी भी महिलाएं काम करती हैं, वे ज्यादातर गुलाबी साड़ी पहनती हैं. इसकी वजह बताते हुए वे कहती हैं- जैसे कांटो के बीच गुलाब उगता है, वैसे ही इन महिलाओं का भी उत्थान हुआ है. वहीं गुलाब की जो पंखुड़ियां हैं, वे इन महिलाओं के समान हैं जो अपने काम से पूरे समाज को महका रही हैं.

एक न्यूज पोर्टल को दिए इंटरव्यू में फूल बासन यादव ने बताया है कि वे केबीसी में जीती रकम से गरीब बच्चों को पढ़ाई करवाएंगी. वहीं वे एक ऐसा आश्रम बनाने के भी सपने देखती हैं जहां विधवाओं को रखा जा सके, जहां उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में काम किया जा सके.

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