रिपब्लिक डे वीक में मणिकर्णिका : द क्वीन ऑफ झांसी के साथ कंगना रनौत निर्देशन में भी डेब्यू करने जा रही है. इस मूवी में जहां वो झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की मुख्य भूमिका निभा रही हैं, वहीं उन्होंने फिल्म कई हिस्सों का निर्देशन भी किया है. इसके लिए उन्हें कृष के साथ निर्देशन में क्रेडिट भी दिया कजा रहा है. ये इस साल रिलीज हो रही बड़े बजट की पहली मूवी है. आईबी टाइम्स ने मूवी का बजट 100 बताया है.
कंगना को बॉक्स ऑफिस पर एक लंबे समय से हिट नहीं मिली है. उनकी आख़िरी हिट आनंद एल राय के निर्देशन में आई तनु वेड्स मनु थी. इस लिहाज से मणिकर्णिका, कंगना के करियर के लिए ये काफी अहम मूवी है. इसे लेकर बज भी बना हुआ है. कंटेंट के मूड के हिसाब से इसे रिपब्लिक डे वीक पर रिलीज किया जा रहा है. शुरुआती ट्रेड रिपोर्ट्स में अनुमान भी ठीक ठाक हैं. माना जा रहा है कि कंगना की मूवी को टिकट खिड़की पर अच्छी ओपनिंग मिलेगी. अलग अलग ट्रेड रिपोर्ट्स में पहले दिन 10-15 करोड़ तक की कमाई की उम्मीद जताई गई है. वीकेंड में 40 करोड़ से ज्यादा कमाई की संभावना जताई जा रही है.
हालांकि कंगना की मणिकर्णिका के सामने कुछ ऐसी दिक्कतें हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. इन वजहों से मणिकर्णिका को बॉक्स ऑफिस पर मुश्किल का सामना भी करना पड़ सकता हैं.
आइए जानते हैं उन तीन बड़ी वजहों के बारे में जिसको लेकर माना जा सकता है ये फिल्म के कारोबार पर असर डाल सकती हैं.
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#1. ठाकरे और महाराष्ट्र का रीजन
महाराष्ट्र और गोवा के रीजन में फिल्मों से अच्छा कलेक्शन निकलता है. जितनी ब्लॉक बस्टर फ़िल्में हैं, उनकी ज्यादातर कमाई इसी रीजन से होती है. हाल की बड़ी फिल्मों मसलन सिम्बा और केजीएफ के कलेक्शन में ज्यादा हिस्सा इसी रीजन का है. मणिकर्णिका के सामने बाल ठाकरे के जीवन पर बनी फिल्म "ठाकरे" बॉक्स ऑफिस पर सफलता की राह में सबसे बड़ा रोड़ा है. हो सकता है कि इस रीजन में दर्शक मणिकर्णिका की बजाय ठाकरे को ही देखना ज्यादा पसंद करें.
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#2. कंगना का लुक और उनकी आवाज
फिल्म में कंगना, लक्ष्मीबाई की भूमिका निभा रही हैं. ट्रेलर में उनके काम को लेकर मिली जुली प्रतिक्रिया है. राजकुमारी, पत्नी और रानी के रूप में उनके किरदार के तीन हिस्से नजर आते हैं. लक्ष्मीबाई एक योद्धा भी थीं. देखना होगा कि अपने व्यक्तित्व और आवाज के साथ एक योद्धा के तौर पर वो कितना असर डालती हैं.
क्योंकि ट्रेलर में आवाज के फर्क को लेकर उनपर संदेह भी किया जा रहा है. हालांकि इसके लिए निर्माताओं ने तकनीक का सहारा लिया है, पर कंगना के व्यक्तित्व पर कहीं न कहीं फिल्म में इस्तेमाल की गई आवाज में दो तरह का अंतर नजर आता है. सामान्य बातचीत की शैली में उनकी आवाज बेहतर है, पर जब वो चिल्लाती हैं तो आवाज में काफी फर्क दिखता है. अगर फिल्म में यह फर्क ज्यादा बड़ा नजर आया तो दर्शकों का मिजाज बिगड़ेगा.यहां देखें फिल्म का ट्रेलर
#3. एक्शन सीक्वेंस
मणिकर्णिका की एक पीरियड ड्रामा है. ऐसी फिल्मों के अपने खतरे होते हैं. झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के किरदार में कंगना कई सीन्स में प्रभावित करते हैं. पीरियड ड्रामा में परदे पर अगर चीजें उस देशकाल को लेकर सामने नहीं आती तो दर्शकों का ध्यान भटकता है. वैसे फिल्म के सेट्स पर काफी पैसा खर्च किया गया है. लेकिन ये देखने वाली बात होगी कि पर्दे पर दिखाए गए दृश्य कितने असली और प्रभावी बनेंगे.
चीजों में कमी रही तो फिल्म को लेकर वर्ड ऑफ माउथ खराब होगा. बताने की जरूरत नहीं कि आजकल फिल्मों के कारोबार पर वर्ड ऑफ माउथ का कितना असर पड़ सकता है. वैसे तमाम खामियों के बावजूद झांसी की रानी की कहानी में इतना दम है कि बॉक्स ऑफिस पर कंगना की जरूरत पूरी हो सकती है.