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16 नवंबर को 15 मिनट के लिए मुंबई में शूटिंग पर ब्रेक, ये है वजह

पद्मावती के रिलीज विवाद में पूरी फिल्म इंडस्ट्री निर्देशक संजय लीला भंसाली के साथ आ गई है. इंडस्ट्री ने विरोध स्वरूप शूटिंग रोकने का फैसला किया है.

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प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डायरेक्टर्स एसोसिएशन के सदस्य
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डायरेक्टर्स एसोसिएशन के सदस्य

पद्मावती के रिलीज विवाद में पूरी फिल्म इंडस्ट्री निर्देशक संजय लीला भंसाली के साथ आ गई है. डायरेक्टर्स एसोसिएशन सहित 5 फिल्म संगठन ने मिलकर गृह मंत्री राजनाथ सिंह से फिल्म रिलीज के मामले में दखल की अपील की है.

डायरेक्टर्स एसोसिएशन ने फिल्म को लेकर हो रहे विरोध के खिलाफ 16 नवंबर को शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने का फैसला लिया है. इस दौरान मुंबई में शाम 4 बजे से 4:15 के बीच कहीं भी शूटिंग नहीं होगी. डायरेक्टर्स एसोसिएशन से जुड़े अशोक पंडित ने कहा, ये विरोध का हमारा तरीका है. पांच संगठन ने मिलकर भंसाली के पक्ष में अभिव्यक्त‍ि की आजादी के लिए अपील की है. हम इस बात से दुखी है कि हमें आरोपी बनाया गया और दुव्यर्वहार किया गया. हमेशा से निर्देशकों को परेशान किया जाता रहा है. लेकिन आज हम सब साथ हैं. अब फैसला लेना जरूरी हो गया है. जो भंसाली के साथ हो रहा है, उससे पूरी इंडस्ट्री निशाने पर आ गई है.

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मजदूर यूनियन से जुड़े गंगेश्वर श्रीवास्तव ने कहा, हम 16 नवंबर फिल्म सिटी के बाहर खड़े होकर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करेंगे. हमारी इंडस्ट्री ऐसी ही है. हम भी विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं, लेकिन हमारी इंडस्ट्री ऐसी ही है. संजय लीला भंसाली सैकड़ों लोगों को काम देते हैं. हम उनके साथ ऐसा व्यवहार कतई बर्दाश्त नहीं कर सकते'. डायरेक्टर्स एसोस‍िएशन अपने विरोध के लिए एक खास पोस्टर का इस्तेमाल करेगा. इसमें पर लिखा है, 'मैं एक फिल्ममेकर हूं और मुझे फिल्म बनाने दी जाए'.

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डायरेक्टर्स एसोसिएशन ने चार अन्य संगठनों के साथ केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह से अपील की है कि वे फिल्म की रिलीज पर स्टैंड लें. डायरेक्टर्स एसोसिएशन के अलावा टीवी आर्टिस्ट एसोसिएशन, सिनेमैटोग्राफर्स एसोसिएशन, स्क्रीन प्ले एसोसिएशन और आर्ट डायरेक्टर व कॉस्ट्यूम डिजाइनर्स के संगठन ने भी भंसाली के समर्थन में आवाज उठाई है. डायरेक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बीपी सिंह ने कहा, संजय लीला भंसाली जाने-माने फिल्मकार हैं, वे फिल्म इंडस्ट्री को एक अलग स्तर पर लेकर गए हैं. पहले फिल्म को रिलीज होने दें, फिर दर्शकों को तय करने दें.  भंसाली इस बात को समझते हैं कि ये कोई लाइसेंस या मिस यूज नहीं है. हम सब इस विरोध के ख‍िलाफ हैं और भंसाली के साथ खड़े हैं.

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इन राज्यों में रिलीज नहीं हुई तो ये होगा असर

बता दें कि राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश और हरियाणा में पद्मावती का विरोध किया जा रहा है. अगर इन चार राज्यों में ये फ़िल्म रिलीज नही हुई तो इस फ़िल्म पर औऱ इसके बजट पर इसका क्या असर होगा ये देखना दिलस्चस्प है. हमने ये जानने के लिए बॉलीवुड के ट्रेड एनालिस्ट कोमल नाहटा से बात की. उनका कहना है कि यदि फ़िल्म पद्मावती राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश और हरियाणा जैसे राज्य में रिलीज नही हुई तो इसका काफी असर पड़ेगा. राजस्थान, गुजरात, हरियाणा का पूरा इलाका और गुजरात यानी आधा मुम्बई सर्किट का इलाका. कुल मिलाकर फ़िल्म को नुकसान होगा. 18-19 फीसदी से भी अधिक फ़िल्म पर असर होगा. एग्जीबिटर्स को भी अब डर लगने लगा है, क्योंकि अगर तोड़फोड़ हुई तो उनका भी नुकसान होगा. बता दें कि फ़िल्म पद्मावती का बजट लगभग 180 से 190 करोड़ है और ऐसे में ये देखना दिलचस्प है कि ये फ़िल्म इतने कॉन्ट्रवर्सीज के बाद इन राज्यों में रिलीज हो पाती है या नहीं.

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