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गजेंद्र चौहान ने कहा-FTII को अभिनेता की नहीं, अच्छे प्रशासक की जरूरत

अनुपम खेर को FTII का नया चेयरमैन बनाए जाने पर गजेंद्र चौहान ने कहा कि इस संस्थान को अच्छे अभिनेता की नहीं, अच्छे प्रशासक की जरूरत है

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गजेंद्र चौहान
गजेंद्र चौहान

अभिनेता अनुपम खेर फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) के नये अध्यक्ष होंगे. बुधवार को यह घोषणा की गई. वह गजेंद्र चौहान की जगह लेंगे. इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए गजेंद्र चौहान ने कहा है कि एफटीआईआई को अच्छे अभिनेता की जगह एक अच्छे प्रशासक की जरूरत है।

आईएएनएस से बातचीत में गजेंद्र ने अनुपम खेर को इस नियुक्ति पर बधाई देते हुए कहा है, 'मैं जीवन में आगे बढ़ना चाहता हूं। जब किसी को पद दिया जाता है, तो इसके पीछे बहुत सारे विकल्प होते हैं। मुझे विभिन्न विकल्पों के लिए नियुक्त किया गया था। मेरे काम को बहुत से लोगों से देखा नहीं गया। एफटीआईआई में, एक अच्छे अभिनेता की तुलना में अच्छे व्यवस्थापक की जरूरत है।'

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इतना ही नहीं, उन्होंने कहा, 'अनुपम खेर को काफी अनुभव है. वह अपना खुद का एक्टिंग इंस्टीट्यूट चलाते हैं, इसलिए मुझे लगता है कि वह इसे अच्छी तरह संभाल पाएंगे.' साथ ही उन्होंने ये भी उम्मीद जताई कि अनुपम वो सभी काम पूरे करेंगे, जो उनकी अध्यक्षता खत्म होने के कारण बीच में छूट गए हैं.

बता दें कि गजेंद्र चौहान को 2014 में संस्थान का प्रमुख नियुक्त किया गया था, लेकिन विरोध के चलते वह जनवरी 2016 में प्रभार ले सके थे। गजेंद्र चौहान जाने-माने फिल्म व टेलीविजन अभिनेता हैं. उनकी नियुक्ति के बाद एफटीआईआई के छात्रों ने काफी विरोध प्रदर्शन किया था. यहां तक कि इस वजह से छात्र 139 दिनों की हड़ताल पर भी रहे थे.

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अपने अब तक के कार्यकाल के बारे में बात करते हुए गजेंद्र ने कहा, "मैंने 22 वर्षों तक सिनेमा और टेलीविजन आर्टिस्ट एसोसिएशन के प्रशासन का संचालन किया है, इसीलिए मैं अपने कार्यकाल के दौरान बहुत सारे काम करने में सक्षम था। संसद में प्रस्तुत सीएजी की रपट में एक पंक्ति है, 'एफटीआईआई में सर्वश्रेष्ठ काम गजेन्द्र चौहान की अध्यक्षता में किया गया था।' यह मेरे काम का प्रमाणीकरण जैसा है। मुझे और क्या चाहिए? "

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गजेंद्र कब बने थे चेयरमैन

गजेंद्र को एनडीए सरकार ने 9 जून 2015 को FTII का चेयरमैन बनाया गया था. तब उनकी नियुक्ति का काफी विरोध हुआ था. छात्रों ने करीब 139 दिनों तक प्रदर्शन किया था. गजेंद्र ने क्या प्रतिक्रया दी चेयरमैन का कार्यकाल तीन साल का होता है. गजेंद्र इस पद पर सिर्फ 13 महीने ही रह पाए. उन्होंने कहा, '9 जून 2015 को जब मेरी नियुक्ति हुई थी तो मेरा कार्यकाल चार मार्च 2014 से गिना गया. मैंने 7 जनवरी 2016 को ज्वाइन किया और 3 मार्च 2017 को मेरा कार्यकाल खत्म हो गया.'

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ख़त्म हो चुका है गजेंद्र का कार्यकाल

इस साल मार्च महीने में गजेंद्र का कार्यकाल खत्म होना था जिसके चलते इंस्टीट्यूट के चेयरमैन के रूप में नए चेहरे की तलाश हो रही थी. हालांकि FTII चेयरमैन के कार्यकाल की अवधि‍ तीन साल की होती है. इस दौरान इंस्टीट्यूट में कई बड़े बदलाव किए गए जो कि विवाद का कारण भी बने.

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