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बॉलीवुड में मशहूर थे इनकी यारी के किस्से, एक ही दिन ली आखिरी सांस

फिरोज खान फिरोज खान का जन्म 24 सितंबर 1939 को अफगानिस्तान से विस्थापित होकर आए एक पठान परिवार में जन्म हुआ था. उनकी और विनोद खन्ना की दोस्ती बहुत गहरी थी. दोनों में इतना याराना था कि उन्होंने एक ही तारीख को अंतिम सांस ली.

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फिरोज खान, विनोद खन्ना
फिरोज खान, विनोद खन्ना

एक्टर, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, फैशन आइकन फिरोज खान का जन्म 24 सितंबर 1939 को अफगानिस्तान से विस्थापित होकर आए एक पठान परिवार में जन्म हुआ था. उनका खानदान गजनी का रहने वाला था. मां ईरानी थीं.

उनकी शुरुआती पढ़ाई बंगलुरु के बिशप कॉटन स्कूल में हुई थी. फिरोज पांच भाई थे. संजय खान (टीपू सुल्तान फेम), अकबर खान (अकबर फेम), शाहरुख शाह अली खान और समीर खान. उनकी एक बहन भी थी, दिलशाद बीवी. वो पढ़ाई पूरी कर मुंबई आ गए थे. पहला मौका उन्हें 1960 में फिल्म दीदी में सेकंड लीड के तौर पर मिला था.

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जल्द ही उन्होंने एक इंग्लिश फिल्म 'टारजन गोज टु इंडिया' भी साइन कर ली. इसमें उनके अपोजिट सिमी ग्रेवाल थीं. 1962 पर आई ये फिल्म ठंडी रही. इसमें फिरोज प्रिंस रघु कुमार बने थे.

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डेब्यू के पांच साल बाद उन्हें पहली हिट फिल्म 'ऊंचे लोग' से नसीब हुई थी. इसमें वह राज कुमार और अशोक कुमार जैसे एक्टर्स के साथ नजर आए थे.

1969 में आई फिल्म 'आदमी' और 'इंसान' के लिए उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था. फिरोज खान को जल्द ही समझ आ गया कि फिल्मी किस्मत में प्रॉड्यूसर का रोल अहम होता है. नतीजतन, 1971 में उन्होंने फिल्में प्रॉड्यूस करना शुरू कर दिया. पहली फिल्म जो उन्होंने प्रोड्यूस की, वो थी 'अपराध'. इसमें जर्मनी में होने वाली कार रेसिंग के सीन दिखाए गए. फिल्म में उनके साथ मुमताज थीं.

फिरोज खान और विनोद खन्ना अच्छे दोस्त थे. फिल्म 'दयावान', 'कुर्बानी' और 'शंकी शंम्भू' में दोनों साथ नजर आए थे. साल 1980 में आई फिल्‍म 'कुर्बानी' ने विनोद खन्‍ना के खाते में एक और हिट फिल्म ला दी थी. इस फिल्म में फिरोज खान निर्माता, निर्देशक और एक्टर तीनों भूमिका में थे. विनोद खन्ना और फिरोज खान दोनों का निधन 27 अप्रैल को हुआ था. फिरोज ने सन 2009 में दुनिया को अलविदा कहा था और विनोद साहब आस साल हमें छोड़कर चले गए.

1965 में फिरोज खान ने सुंदरी खान से शादी की. दोनों की पहली मुलाकात एक पार्टी में हुई थी. उसके बाद दोनों ने पांच साल डेट किया था. उनके दो बच्चे हैं- लैला खान और फरदीन खान. दोनों का रिश्ता 20 साल तक चला. 1985 में वो अलग हो गए.

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1988 में फिरोज ने अपने बेटे फरदीन खान को लॉन्च करने के लिए फिल्म 'प्रेम अगन' बनाई. फरदीन के अपोजिट थीं मेघना कोठारी. फिल्म फ्लॉप साबित हुई.

बेटे को स्थापित करने की एक और कोशिश के तहत फिरोज ने 'जानशीं' बनाई. 2003 में आई इस फिल्म को उन्होंने डायरेक्ट भी किया और खुद एक्ट भी.

2007 में आई 'वेलकम' उनकी आखिरी फिल्म थी, जिसमें फिरोज खान बतौर एक्टर नजर आए. फिल्म सुपरहिट रही.

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