पिछले साल बॉलीवुड में मीटू मूवमेंट ने जोर पकड़ा था. इस अभियान के चलते बॉलीवुड के नामी सितारों पर भी गाज गिरी थी. पिछले दिनों फिल्म दे दे प्यार दे में मीटू के आरोप में घिरे आलोकनाथ के फिल्म करने पर अजय देवगन की खूब आलोचना हुई थी. उस दौरान एक्टर ने कहा था कि फिल्म मीटू विवाद से काफी पहले ही शूट हो गई थी. अब फिल्मफेयर से एक बातचीत में अजय देवगन ने मीटू मूवमेंट पर बयान दिया है.
जब अजय से पूछा गया कि क्या उन लोगों के साथ काम करना सही है जिन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं? अजय देवगन ने कहा- ''आरोपी और दोषी साबित होने के बीच अंतर होता है. उन लोगों के साथ काम नहीं करना चाहिए जो दोषी साबित हो चुके हैं. लेकिन जो नहीं हुए हैं उनके साथ हम गलत नहीं कर सकते. उनके परिवार के बारे में क्या? मैं एक आरोपी को जानता हूं जिनकी बेटी बहुत परेशान थी, उसने खाना खाना और स्कूल जाना छोड़ दिया था.''
अजय के इस बयान पर विवाद हो सकता है. दरअसल, अजय देवगन के कहने का मतलब यह है कि जिसके यौन उत्पीड़न जैसे आरोप हैं उनके साथ तब तक काम काम किया जा सकता है जब तक कि संबंधित मामले में वो दोषी न करार दे दिए जाए.
I’m disturbed by all the happenings with regards to #MeToo. My company and I believe in providing women with utmost respect and safety. If anyone has wronged even a single woman, neither ADF nor I will stand for it.
— Ajay Devgn (@ajaydevgn) October 12, 2018
जिस वक्त फिल्म इंडस्ट्री में मीटू मूवमेंट ने जोर पकड़ा था, तब अजय देवगन भी इस अभियान के सपोर्ट में खड़े हुए थे. तब सामने आ रही घटनाओं की निंदा करते हुए अजय ने ट्वीट कर लिखा था- ''#MeToo के तहत जो भी सुनने को मिल रहा है उससे वे परेशान हैं. वे महिलाओं की सुरक्षा में यकीन करते हैं. अगर किसी ने महिला के साथ गलत हरकत की है तो उस शख्स के साथ ना ही मैं और ADF (अजय देवगन फिल्मस) खड़ा होगा.''
मगर बाद में दे दे प्यार दे में आलोकनाथ के साथ काम करने पर अजय ट्रोल हुए थे. खुद तनुश्री दत्ता ने अजय देवगन को पाखंडी बताया था. तमाम आलोचनाओं के बाद एक्टर ने सफाई देते हुए कहा था- ये फिल्म आलोकनाथ पर मीटू का आरोप लगने से पहले शूट हो गई थी.
वर्कफ्रंट पर अजय देवगन की तानाजी: द अनसंग वॉरियर, तुर्रम खान, भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया पाइपलाइन में हैं.