‘नो वन किल्ड जेसिका’ में सादगीपूर्ण किरदार निभाने वाली विद्या बालन दक्षिण भारतीय सिनेमा में सेक्स सिंबल रही सिल्क स्मिता की भूमिका करने जा रही हैं. हालांकि उनका कहना है कि जब उन्हें इस भूमिका की पेशकश की गई तो उनके आश्चर्य का ठिकाना नहीं था.
विद्या को जब मिलन लूथरिया की फिल्म ‘डर्टी पिक्चर’ में सिल्क स्मिता के किरदार की पेशकश मिली, तो वह भी दंग रह गयीं. यह फिल्म पुराने जमाने की स्टार सिल्क स्मिता के त्रासदीपूर्ण जीवन पर आधारित है, जिसकी महज 35 वर्ष की उम्र में रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु हो गयी.
विद्या मानती हैं कि यह नयी भूमिका बड़े पर्दे पर उनकी अब तक की भूमिकाओं से बिल्कुल विपरीत है. यहां तक ‘इश्किया’ में खराब लड़की की भूमिका भी इसके आगे कम ही है. उन्होंने कहा, ‘मुझे पटकथा अच्छी लगी और मैं बिल्कुल हैरत में पड़ गयी कि उन्होंने (मिलन और बालाजी) ने मेरे बारे में सोचा. मैं अचंभे में और उत्साहित थी, क्योंकि यह पेशकश बिल्कुल मेरे विपरीत थी.’
विद्या ने कहा, ‘मुझे लगता है कि डर्टी पिक्चर इस फिल्म के लिए बिल्कुल उपयुक्त शीषर्क है. यह उनके बारे में हमारी धारणा को बताता है.’ सिल्क स्मिता का असली नाम विजयलक्ष्मी था. उन्होंने 200 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया जिनमें ‘मूनरम पिराई’, ‘सदमा’ और ‘अलाइगल ओइवतिल्लई’ प्रमुख हैं. सांवले रंग की स्मिता अपनी कामोत्तेजक अदाओं के कारण फिल्मोद्योग में सेक्स सिंबल कहलाती थीं. उनकी फिल्मों को ‘सॉफ्ट पोर्न’ करार दिया जाता था.{mospagebreak}
एक समय तो ऐसा भी था जब उनकी मौजूदगी ही फिल्म का भविष्य तय करती थी. हालांकि विद्या जानती हैं कि सिल्क स्मिता की भूमिका निभाना उनके लिए चुनौती से कम नहीं होगा, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि स्मिता के बारे में वह कुछ नया बता पाएंगी, जिनका अचानक ख्याति पाना और रहस्यमय तरीके से काल के गाल में समा जाना लोगों के लिए पहेली बना हुआ है.
33 वर्षीय विद्या सुजॉय घोष की फिल्म ‘कहानी’ में भावनात्मक रूप से चुनौती भरी भूमिका भी कर रही हैं. यह फिल्म बन गयी है और इस वर्ष जून में रिलीज होने जा रही है. यह फिल्म एक ऐसी गर्भवती महिला की कहानी है जो अपने पति की खोज में लंदन से यहां आती है.
विद्या कहती हैं, ‘एक अन्य विषय पर बात करते हुए सुजॉय ने मुझे ‘कहानी’ के बारे में बताया और कहा कि वह इसकी पटकथा मुझे ध्यान में रख कर लिख रहे हैं. पटकथा पूरी होने पर वह फिर आए और मेरे पास हां कहने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं था.’