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87 की उम्र में साउथ एक्ट्रेस बी. सरोजा देवी का हुआ निधन, शोक में इंडस्ट्री, 200 फ‍िल्मों में किया काम

B. Saroja Devi Death: 14 जुलाई 2025 को बी. सरोजा ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया. उनके निधन से फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है. सरोजा देवी ने अपने सात दशकों के लंबे करियर में लगभग 200 से ज्यादा फिल्मों में काम किया, जिनमें तमिल, कन्नड़, तेलुगु और हिंदी सिनेमा शामिल हैं.

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बी. सरोजा देवी का निधन
बी. सरोजा देवी का निधन

B. Saroja Devi No More: फिल्मी जगत से एक दुखभरी खबर आई है. साउथ सिनेमा की दिग्गज एक्ट्रेस बी. सरोजा देवी का निधन हो गया है. वो 87 साल की थीं. बताया जा रहा है कि उन्हें उम्र संबंधी दिक्कतें थीं. वो बेंगलुरु के मल्लेश्वरम स्थित अपने निवास पर बेहोश पाई गईं. परिवार के सदस्यों ने तुरंत उन्हें पास के अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन डॉक्टरों ने जांच के बाद उनके निधन की पुष्टि की. 

14 जुलाई 2025 को बी. सरोजा ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया. उनके निधन से फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है. सरोजा देवी ने अपने सात दशकों के लंबे करियर में लगभग 200 से ज्यादा फिल्मों में काम किया, जिनमें तमिल, कन्नड़, तेलुगु और हिंदी सिनेमा शामिल हैं.

कौन थीं बी. सरोजा?

बी. सरोजा देवी का जन्म 7 जनवरी 1938 को कर्नाटक में हुआ था. उन्होंने महज 17 वर्ष की उम्र में फिल्मी करियर की शुरुआत की थी. 1955 में आई फिल्म ‘महाकवि कालीदास’ से उन्होंने सिनेमा में कदम रखा, लेकिन उन्हें असली पहचान 1958 में आई तमिल फिल्म ‘नदोदी मनन’ से मिली, जिसमें वो सुपरस्टार एम. जी. रामचंद्रन के साथ नजर आई थीं. इसके बाद वो दक्षिण भारतीय सिनेमा की सबसे पॉपुलर और सफल एक्ट्रेसेज में शुमार हो गईं.

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सरोजा देवी को ‘अभिनय सरस्वती’ और ‘कन्नड़थु पैंगिली’ जैसे नामों से भी जाना जाता है. उन्होंने न सिर्फ तमिल, बल्कि कन्नड़, तेलुगु और हिंदी फिल्मों में भी अपनी बेहतरीन अदाकारी का जादू बिखेरा. दिलीप कुमार, शिवाजी गणेशन, एनटी रामाराव, राजकुमार जैसे दिग्गज कलाकारों के साथ उन्होंने कई यादगार फिल्में दीं.

पद्मश्री से सम्मानित बी. सरोजा

उनके योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें 1969 में पद्मश्री और 1992 में पद्म भूषण जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया. इसके अलावा, तमिलनाडु सरकार से उन्हें कलाईममणि पुरस्कार और डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी मिली थी. 

बी. सरोजा देवी का जाना भारतीय सिनेमा के लिए एक बड़ी क्षति है. उनके निधन से न केवल फिल्म इंडस्ट्री, बल्कि उनके लाखों प्रशंसक भी गहरे शोक में हैं. उन्होंने अपनी इंडस्ट्री में अपनी जो अमिट छाप छोड़ी और मेहनत से जो मुकाम हासिल किया, वो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बना रहेगा. 
 

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