बायोपिक फिल्में बनाने का ट्रेंड कभी खत्म नहीं होगा. कई महान हस्तियों पर फिल्में बनी हैं. जिनमें से कुछ को दर्शकों का ठंडा रिस्पॉन्स मिला है. वहीं कई बायोपिक मूवीज ने बॉक्स ऑफिस पर बंपर कमाई की है. अब 19वीं सदी के समाज सुधारक और शिक्षक सर सैयद अहमद खान पर बायोपिक बन रही है.
कौन है लीड हीरो?
इस महान शख्सियत की बायोपिक में हीरो होंगे प्रोड्यूसर शोएब हुसैन चौधरी. इस प्रोजेक्ट संग उनका डीप कनेक्शन है. साल 2013 में इसे बनाने का उन्हें आइडिया आया था. यूएसए बेस्ड डॉक्टर मसर्रत अली के साथ बातचीत के दौरान शोएब इस कहानी को स्क्रीन पर लाने के लिए इंस्पायर हुए थे. डॉ. अली सर सैयद अहमद खान की जिंदगी और काम के प्रमुख प्रमोटर थे. दुर्भाग्यवश, अपनी रिसर्च के शुरुआती फेज में डॉक्टर अली का देहांत हो गया था. उनके जाने से शोएब हुसैन को नुकसान पहुंचा. अपने दोस्त की कमिटमेंट को सम्मान देते हुए शोएब चौधरी ने डॉक्टर अली के परिवार के सपोर्ट के साथ सैयद अहमद खान की बायोपिक को पूरा करने का फैसला लिया है.
ये बायोपिक सर सैयद अहमद खान की जिंदगी पर बेस्ड होगी. जिसमें दिखाया जाएगा कैसे 1857 के विद्रोह के बाद वो देश में आधुनिक वैज्ञानिक शिक्षा के क्षेत्र में वकालत कर लोगों के बीच उभरे थे. ये जर्नी उन्हें लंदन लेकर गई. जहां उन्होंने ब्रिटिश एजुकेशन सिस्टम को पढ़ा. ताकि वो इसे भारत में दोहरा सकें. उन्होंने छोटे-छोटे मदरसों की स्थापना की, जहां इंग्लिश और उर्दू प्राथमिक भाषाएं थीं. 1875 में उन्होंने मुहम्मदन एंग्लो-ओरिएंटल स्कूल की स्थापना की, जिसका नाम बाद में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय रखा गया.
बायोपिक बनाने में कितनी झेली दिक्कतें?
ये प्रोजेक्ट मौलाना अल्ताफ हुसैन हली की बुक 'हयात ए जावेद' पर बेस्ड है. इस प्रोजेक्ट के लिए प्रोडक्शन टीम को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा, 19वीं सदी का सेट बनाना, ऐतिहासिक डिटेलिंग पर ध्यान देना पड़ा. शूटिंग में कई दफा देरी हुई, खासतौर पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कैंपस में इसकी शूटिंग की परमिशन को लेकर. आखिर में प्रोडक्शन टीम ने मुंबई में ओरिजनल ऐतिहासिक सेटिंग को रीक्रिएट किया.
मेरठ की पुरानी हवेलियों को चुना. इस प्रोजेक्ट को मुकम्मल बनाने के लिए 250 एक्टर्स का योगदान रहा है. फिल्म पोस्ट प्रोडक्शन स्टेज पर है. साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता प्रोफेसर शैफी किदवई ने स्क्रीनप्ले लिखा है, वहीं डायलॉग एमएम कामली ने लिखे हैं. ये बायोपिक दर्शकों के लिए किसी ट्रीट से कम नहीं होगी.