भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के पावर स्टार, पवन सिंह पावर में आने से चूक गए हैं. लोकसभा चुनाव 2024 में बिहार की काराकाट सीट से लड़ रहे पवन सिंह चुनाव हार गए हैं. निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर, काराकाट से चुनाव में उतरे पवन सिंह को पहले बीजेपी के टिकट पर पश्चिम बंगाल के आसनसोल से मौका मिला था. मगर उनका नाम अनाउंस होते ही विवाद शुरू हो गया. विवाद छिड़ने के कुछ दिन बाद पवन ने मौका देने के लिए बीजेपी को शुक्रिया कहा और 'निजी कारणों' से चुनाव न लड़ने की बात कही. मगर फिर काराकाट से निर्दलीय प्रत्याशी बनकर मैदान में उतर गए.
पवन सिंह और विवादों का नाता बहुत पुराना रहा है. चाहे उनकी पहली पत्नी से जुड़ा विवाद हो या फिर अभिनेत्री अक्षर सिंह के आरोप. मगर चुनावी जीत की आस में पवन सिंह ने अपनी छवि सुधारने के लिए काफी पैंतरे आजमाए. हालांकि, चुनावी नतीजों को पैमाना मानें तो यही कहा जा सकता है कि पवन के ये पैंतरे, किसी काम नहीं आए. आइए बताते हैं पवन सिंह ने अपनी छवि सुधारने के लिए क्या-क्या कोशिशें कीं...
खेसारी से की सुलह
भोजपुरी के पुराने स्टार और नए स्टार खेसारी लाल यादव के बीच काफी लंबे समय तक विवाद चलता रहा. इंडस्ट्री के ये दोनों स्टार्स एक दूसरे के स्टारडम को खोखला बताने की जंग में, बिना नाम लिए एक के बाद एक, कभी वीडियो-कभी मंच से तंज करते रहे.
मगर इस कहानी में बड़ा ट्विस्ट पिछले साल जुलाई में आया. फेमिना भोजपुरी आइकॉन्स अवॉर्ड में पवन और खेसारी साथ में मंच शेयर करते नजर आए. ये सबकुछ, भोजपुरी में इन दोनों से काफी सीनियर स्टार रवि किशन की मौजूदगी में हुआ. पवन और खेसारी एक दूसरे को गले लगाते दिखे और ऐसे मिले जैसे बरसों के बिछड़े भाई मिल रहे हों. एक्ट्रेस काजल राघवानी ने इन दोनों की मित्रवत फोटोज शेयर करते हुए लिखा, 'मेरे दो फेवरेट्स एक साथ हैं. धन्यवाद रवि किशन जी. नजर ना लगे इस जोड़ी को.'
पत्नी से हुआ समझौता
पवन सिंह अपनी दूसरी पत्नी, ज्योति सिंह के साथ विवाद और तलाक की खबरों को लेकर काफी वक्त तक सुर्खियों में रहे. ज्योति ने आरोप लगाया था कि पवन ने दो बार उनका एबॉर्शन करवाया और जान से मारने की धमकी भी दी. इस बीच ज्योति ने तलाक के लिए कोर्ट में केस भी फाइल किया, जिसपर सुनवाई शुरू हो चुकी थी. लेकिन 13 मार्च को पवन और ज्योति, इस केस की तारीख में कोर्ट नहीं पहुंचे तो इस चर्चा ने जोर पकड़ा कि इन दोनों में सुलह-समझौते के प्रयास जारी हैं.
इसे लेकर दोनों पक्षों से कोई ऑफिशियल बयान तो नहीं सामने आया मगर ज्योति सिंह ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया जिसमें वो सालों बाद एकसाथ नजर आए. ज्योति के शेयर किए एक वीडियो में दोनों बड़े प्रेम से मिलते-बातें करते नजर आए.
विवाद के बाद छोड़ दी भाजपा, लड़ा निर्दलीय चुनाव
पवन सिंह ने 2014 में बीजेपी जॉइन की थी. इस साल चुनाव से पहले मार्च में जब बीजेपी ने अपने लोकसभा प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की, तो 195 प्रत्याशियों में से एक नाम पवन सिंह का भी था. उन्हें पश्चिम बंगाल के आसनसोल से टिकट दिया गया था. लेकिन उनका नाम सामने आते ही, बंगाल की रूलिंग पार्टी TMC (तृणमूल कांग्रेस) ने उन्हें निशाने पर ले लिया.
सोशल मीडिया पर पवन के 'महिला विरोधी और अश्लील' गानों के स्क्रीनशॉट शेयर किए जाने लगे और TMC लीडर साकेत गोखले ने पवन के गानों को लेकर बीजेपी को टारगेट करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट भी किया. इसके बाद पवन सिंह ने खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट लिखा. उन्होंने बीजेपी के प्रेजिडेंट जे.पी. नड्डा को टैग करते हुए लिखा, 'भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को दिल से आभार प्रकट करता हूं. पार्टी ने मुझ पर विश्वास करके आसनसोल का उम्मीदवार घोषित किया लेकिन किसी कारण वश मैं आसनसोल से चुनाव नहीं लड़ पाऊंगा.'
पवन की इस बात से ये समझा गया कि शायद वो अपनी छवि को लेकर लोगों के सवालों के आगे झुक रहे हैं. लेकिन इसके एक महीने बाद पवन ने पोस्ट करते हुए लिखा, ''माता गुरुतरा भूमेरू' अर्थात माता इस भूमि से कहीं अधिक भारी होती हैं और मैंने अपनी मां से वादा किया था कि मैं इस बार चुनाव लडूंगा. मैंने निश्चय किया है कि मैं 2024 का लोकसभा चुनाव काराकाट, बिहार से लडूंगा. जय माता दी.' पवन के इस फैसले के चलते उन्हें बीजेपी ने पार्टी से बाहर का रास्ता भी दिखा दिया.
पवन ने अपनी इमेज को साफ-सुथरा करके चुनाव में दावेदारी मजबूत करने की कोशिश तो बहुत की, लेकिन शायद जनता उनके इन पैंतरों से संतुष्ट नहीं हुई.