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Movie review: हल्की फुल्की कॉमेडी है 'हैप्पी भाग जाएगी'

मुदस्सर अजीज ने साल 2010 में 'दूल्हा मिल गया' फिल्म डायरेक्ट की थी और अब लगभग 6 साल बाद उन्होंने मल्टीस्टारर कास्ट के साथ फिल्म 'हैप्पी भाग जायेगी' डायरेक्ट की है. यह एक रोमांटिक कॉमेडी फिल्म है, आइए जानें 'हैप्पी भाग जाएगी' की कॉमेडी दर्शकों को गुदगुदाएगी या नहीं.

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'हैप्पी भाग जाएगी'
'हैप्पी भाग जाएगी'

फिल्म का नाम: 'हैप्पी भाग जाएगी'
डायरेक्टर: मुदस्सर अजीज
स्टार कास्ट: डायना पैंटी, अली फजल, जिम्मी शेरगिल, अभय देओल, मोमल शेख, पीयूष मिश्र
अवधि: 2 घंटा 06 मिनट
सर्टिफिकेट: U
रेटिंग: 3 स्टार

मुदस्सर अजीज ने साल 2010 में 'दूल्हा मिल गया' फिल्म डायरेक्ट की थी और अब लगभग 6 साल बाद उन्होंने मल्टीस्टारर कास्ट के साथ फिल्म 'हैप्पी भाग जायेगी' डायरेक्ट की है. यह एक रोमांटिक कॉमेडी फिल्म है, आइए जानें 'हैप्पी भाग जाएगी' की कॉमेडी दर्शकों को गुदगुदाएगी या नहीं.

कहानी
यह कहानी है हरप्रीत कौर उर्फ 'हैप्पी' (डायना पैंटी) की, जो अपनी शादी के ही दिन घर से भागकर भारत से पाकिस्तान पहुंच जाती है, जहां वो बिलाल अहमद (अभय देओल ) और जोया (मोमल शेख) से मिलती है. वहीं हैप्पी की खोज के लिए भारत और पाकिस्तान के महकमे के लोग परेशान होने लगते हैं. कहानी में कई सारे ट्विस्ट और टर्न्स तब आने लगते हैं जब भारत से दमन सिंह बग्गा (जिम्मी शेरगिल) और गुड्डू (अली फजल) उसकी तलाश में पाकिस्तान जाते हैं. अब आगे क्या होता है, इसका पता लगाने के लिए आपको नजदीकी सिनेमाघर तक जाना होगा..

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स्क्रिप्ट
फिल्म की कहानी को रोमांस और कॉमेडी के मिश्रण के रूप में पेश करने की कोशिश की गई है. भारत और पाकिस्तान के एंगल को लेकर कुछ साल पहले 'वॉर छोड़ ना यार' फिल्म भी बनाईं गई थी और अबकी बार भी कुछ अलग तरह की कास्ट लेकर ये रोमांटिक कॉमेडी फिल्म बनाई गयी है. फिल्म के दौरान कई सारे ऐसे पल आते हैं जब आपको हंसी आती ही आती है, सिनेमेटोग्राफी बेहतरीन है.

अभिनय
लंबे समय के बाद पर्दे पर वापसी करने वाली डायना पैंटी ने टाइटल किरदार अच्छा निभाया है, वहीं जिम्मी शेररगिल, अली फजल और अभय देओल का काम भी सहज है. पाकिस्तान की एक्ट्रेस मोमल शेख ने भी सराहनीय काम किया है जो की उनके आगामी प्रोजेक्ट्स के लिए और भी ज्यादा अच्छा साबित होगा. पियूष मिश्रा का अभिनय और तकिया कलाम आखिर तक याद रहता है.

कमजोर कड़ी
फिल्म के गाने इसकी लय को थोड़ा कमजोर बनाते हैं, उनकी एडिटिंग फिल्म को और क्रिस्प बना सकती थी. साथ ही क्लाइमैक्स थोड़ा और बेहतर हो सकता था.

संगीत
फिल्म का संगीत अच्छा है और सोहेल सेन ने गानों की वैरायटी को अच्छे अंदाज में परोसा है.

क्यों देखें
हल्की फुल्की कॉमेडी वाली मसाला फिल्में पसंद हैं, तो एक बार यह फिल्म जरूर देख सकते हैं.

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