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Citadel Honey Bunny Review: समांथा के धुआंधार एक्शन का भौकाल, वरुण भी हैं दमदार, थोड़ी फीकी है राइटिंग की धार

शो में दो हिस्से हैं- तगड़े ट्रेन्ड एजेंट्स के बीच सर्वाइव करतीं हनी और नाडिया, और हनी बनी की कहानी. मगर इन दोनों पार्ट्स में कॉमन ये है कि हनी के सर्वाइवल स्किल्स सबसे तगड़े हैं. अपने बॉयफ्रेंड बनी से भी ज्यादा, जिसने उसे ट्रेन किया था.

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वरुण धवन, समांथा प्रभु
वरुण धवन, समांथा प्रभु
फिल्म:सिटाडेल: हनी बनी
3/5
  • कलाकार : समांथा, वरुण धवन, केके मेनन, शिवंकित परिवार, काशवी मजुमदार, सोहम मजुमदार
  • निर्देशक :राज एंड डीके

'द फैमिली मैन 2' के बाद से समांथा को ताबड़तोड़ एक्शन अवतार में दोबारा देखने का इंतजार कर रहे लोगों के लिए 'सिटाडेल: हनी बनी' एक बहुत बड़ा तोहफा है. उनका हर मोमेंट स्क्रीन पर एक विस्फोट जैस लगता है. चाहे उनके एक्शन भरे मोमेंट्स हों, या इमोशनल. या फिर एक स्पाई और एक स्ट्रगलिंग एक्ट्रेस के तौर पर उनकी एक्टिंग. यहां तक कि स्क्रीन पर छोटे से छोटा पंच डिलीवर करते हुए भी समांथा के किरदार, हनी की एनर्जी आप तक पहुंचती है. 

हनी के माहौल सेट करने के बाद शुरू होता है बनी का चैप्टर. इस किरदार में वरुण धवन को देखना भी एक मजेदार एक्सपीरियंस है. फिल्मों में काम करने वाले स्टंट आर्टिस्ट के खोल में रहने वाला बनी एक स्पाई एजेंट है. फिल्मों में छोटे छोटे रोल करने वाली स्ट्रगलिंग एक्टर हनी से उसकी मिलना और दोनों का साथ काम करना एक नेशनल समस्या बन जाता है. हालांकि ये कहानी का थोड़ा कम इंटरेस्टिंग एंगल है. ज्यादा मजेदार एंगल है अपनी बच्ची को बचा रही एक्स-स्पाई हनी वाला. 'सिटाडेल: हनी बनी' शुरू ही यहीं से होता है. 

धमाकेदार हनी की जोरदार बेटी नाडिया
नाडिया (काशवी मजुमदार) एक 8 साल की व्यक्ति हैं- 'बच्ची' इसलिए नहीं कहा जा सकता क्योंकि उसके आगे बॉलीवुड के 70% स्पाई क्लास के बैकबेंचर लगते हैं. उसकी मां हनी ने उसे सर्वाइवल की बहुत तगड़ी ट्रेनिंग दी है. बहस करने में तो खुद हनी भी अगर 'मां' वाला कार्ड न निकाले, तो नाडिया से जीत नहीं सकती. हनी ने उसे ऐसा इसलिए बनाया है क्योंकि दोनों की जान को एक एजेंसी के स्पाई से खतरा है. हनी खुद एक एक्स स्पाई है, ये आपको पहले उसके एक्शन और फिर उसके मुंह से पता चलता है. ये बात साल 2000 की टाइमलाइन पर चलती है. 

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शो में दूसरी टाइमलाइन है 1992 की, जहां आप स्ट्रगलिंग एक्ट्रेस हनी की पिछली जिंदगी देखते हैं. इस एक्ट्रेस का स्टंटमैन बनी से मिलना, एजेंट बनना और मिशन में शामिल होना भी नजार आता है. शो की डायरेक्टर जोड़ी राज एंड डीके, इन दो टाइमलाइन्स के बीच चलती कहानियों को एपिसोड दर एपिसोड उस पॉइंट तक लाते हैं, जहां आपको वो कनफ्लिक्ट पता चलता है जिसकी वजह से आज हनी फंसी हुई है. उसकी अपनी ही पुरानी एजेंसी उसकी जान की दुश्मन है और बनी क्यों अब उसके साथ नहीं है. 

यानी अब शो में दो हिस्से हैं- तगड़े ट्रेन्ड एजेंट्स के बीच सर्वाइव करतीं हनी और नाडिया और हनी बनी की कहानी. मगर इन दोनों पार्ट्स में कॉमन ये है कि हनी के सर्वाइवल स्किल्स सबसे तगड़े हैं. अपने बॉयफ्रेंड बनी से भी ज्यादा, जिसने उसे ट्रेन किया था.

दुनिया पर खतरे वाली रूटीन स्टोरी 
इस स्पाई स्टोरी का बेसिक वही है जो लगभग हर स्पाई थ्रिलर में दशकों से चला आ रहा है- दुनिया भर को गार्ड करने वाली एक ऐसी टेक्नोलॉजी जो सही हाथों में वरदान है और गलत हाथों में हथियार. एजेंट्स का काम केवल ऑर्डर फॉलो करना है, लेकिन जब कोई एक एजेंट इन ऑर्डर्स में सही गलत तलाशने लगता है, तो वो बागी से लेकर गद्दार तक करार दिया जाता है. 

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'सिटाडेल: हनी बनी' की कहानी में हनी का पर्सनल कनफ्लिक्ट, उसका अपना बैकग्राउंड, उसकी पूरी स्टोरी सबसे दिलचस्प हिस्सा है. इसे लिखा भी इस तरह गया है कि समांथा को चमकने के पूरे मौके मिलते हैं और वो अपने काम से इसे पूरी तरह लपकती भी हैं. वो स्क्रीन पर एक्शन करती नजर आ रहीं इंडियन एक्ट्रेसेज में सबसे शानदार कही जा सकती हैं. 'द फैमिली मैन' में राजी के रोल में समांथा जो कुछ कर रही थी, वो सबकुछ, और उससे कहीं ज्यादा हनी कर सकती है. 

एक्टिंग और ट्रीटमेंट 
वरुण धवन का काम शानदार है, मगर उनके किरदार की राइटिंग में उस तरह की लेयर्स नहीं हैं जैसी हनी के रोल में हैं. लेकिन एक्शन करते हुए वरुण को देखना काफी एक्साइटिंग लगता है. बनी के साथियों के रोल में शिवांकित परिहार और सोहम मजुमदार जितने मजेदार लगते हैं, उनकी किरदारों की राइटिंग उस हिसाब से दमदार नहीं लगती. शो में साकिब सलीम का किरदार, वरुण धवन का डायरेक्ट राइवल है. इस रोल में सकीब की इंटेंसिटी और परफॉरमेंस जितनी दमदार है, उनके किरदार में गहराई उतनी ही कम. 

इधर के कुछ सालों में फिल्मों ने स्पाई थ्रिलर स्टाइल को बहुत रुटीन बना दिया है. ऐसे में 'कूल' फिल्ममेकर्स राज एंड डीके का ट्रीटमेंट इन किरदारों को थोड़ा रिफ्रेशिंग तो बनाता ही है. 'सिटाडेल: हनी बनी' के स्पाई आम सुपर सीरियस स्पाई नहीं हैं, ना ही वो हर पांचवें मिनट में अपनी कुर्बानियों, एजेंडे और ताकत का डेमो देने लगते हैं. 

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ट्रीटमेंट में दमदार, मगर राइटिंग में कमजोर 
वो अपनी जॉब को लेकर काफी चिल हैं. उनके पर्सनल रिलेशन, बॉन्डिंग, पंचलाइन्स और स्वैग तो इंटरेस्टिंग हैं. मगर अल्टीमेटली उन्हें वो स्पाई वाले काम तो करने ही हैं, यहीं पर शो रूटीन लगने लगता है. राज एंड डीके ने जिस तरह 'द फैमिली मैन' के किरदार तैयार किए हैं, उस तरह के परतदार किरदार 'सिटाडेल: हनी बनी' में नहीं हैं. इसका सबसे ज्यादा असर केके मेनन के किरदार पर दिखता है, पिन निकलने का इंतजार कर रहे  किसी ग्रेनेड की तरह है. लेकिन राइटिंग ने इस ग्रेनेड में पिन ही नहीं लगाई! देखिए 'सिटाडेल: हनी बनी' का ट्रेलर:

'सिटाडेल' एक इंटरनेशनल फ्रैंचाइजी है जिसमें प्रियंका चोपड़ा पहले ही नाडिया का किरदार निभा चुकी हैं. अपने शो में उन्होंने अपने पिता का जिक्र किया था. 'सिटाडेल: हनी बनी' नाडिया के किरदार की ऑरिजिन स्टोरी दिखाती है. लेकिन इसका ट्रीटमेंट ऐसा है कि इसके लिए पिछले शोज देखने की कोई जरूरत नहीं है. बल्कि बिल्कुल नए, अलग शो की तरह देखने वालों को ये पसंद आएगा. 6 एपिसोड की ये सीरीज अंत तक आते-आते थोड़ी सी स्लो पड़ती हुई भी महसूस होती है. लेकिन ओवरऑल इसका एक्शन और 'कूल' फैक्टर माहौल बनाए रखता है. 

कुल मिलाकर 'सिटाडेल: हनी बनी' एक दिलचस्प शो है जिसमें समांथा ने जमकर बवाल काटा है. उन्हें देखते हुए ही आप पूरा शो देख सकते हैं. बाकी अच्छी चीजें तो फ्लेवर बढ़ाने के काम आती हैं. शो में कुछ कमियां जरूर हैं, लेकिन इसके अपने बेहतरीन मोमेंट्स भी हैं जो बहुत मजेदार हैं. 

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