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लता मंगेशकर के बुलाने पर नहीं गईं शर्मिला टैगोर, अब हुआ अफसोस, मिलने वाला था उनके हाथों अवार्ड

भारत की स्वर कोकिला लता मंगेशकर के हाथों अवार्ड मिलना, इससे बड़े सम्मान और खुशी की बात क्या हो सकती है. यह मौका एक्ट्रेस शर्मिला टैगोर को भी मिला था. लेकिन, उस वक्त वह किसी कारण लता जी के बुलाने पर नहीं गईं और आज उन्हें बेहद अफसोस है. आइये जानते हैं पूरी कहानी.

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लता मंगेशकर के बुलाने पर नहीं गई शर्मिला टैगौर, अब हुआ अफसोस, मिलने वाला था उनके हाथों अवार्ड
लता मंगेशकर के बुलाने पर नहीं गई शर्मिला टैगौर, अब हुआ अफसोस, मिलने वाला था उनके हाथों अवार्ड
स्टोरी हाइलाइट्स
  • शर्मिला को मिलने वाला था लता मंगेशकर अवार्ड
  • पहले कोरोना के कारण टला अवार्ड
  • लता जी के निधन पर शर्मिला ने जताया दुख

लता मंगेशकर के निधन की खबर से आज हर कोई दुखी है. बॉलीवुड अभिनेत्री शर्मिला टैगोर ने भी दुख जताया है. इसके साथ ही उन्हें लता दीदी से ना मिल पाने का अफसोस भी है. दरअसल शर्मिला को लता मंगेशकर के हाथों अवार्ड मिलने वाला था. लेकिन, अफसोस उनके निधन के चलते अब यह अवार्ड लता जी के हाथों नहीं मिल सकेगा.

2020 में कोरोना के कारण टला अवार्ड 

शर्मिला ने कहा कि मुझे 2020 में लता मंगेशकर पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था. लेकिन, उस वक्त कोरोना का प्रकोप इतना ज्यादा था कि इसे टाल दिया गया. लता जी ने मुझे 2021 में फिर से बुलाया. उस समय, मैं किसी कारण नहीं गई. लेकिन, फाइनली मुझे ये
मौका इस साल मिलने वाला था, पर अब मुझे बहुत बड़ा खेद है कि मैं अवार्ड को लता जी के हाथों नहीं ले पाउंगी. 

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लता जी के पर्सनली बुलाने पर नहीं गई शर्मिला

मुझे अफसोस भी है कि जब उन्होंने मुझे पिछले साल पर्सनली बुलाया तब में नहीं गई. उसी समय मैंने उनसे आखिरी बार बात की थी. साथ ही शर्मिला ने यह भी बताया कि पहली बार उन्होंने लता जी को कब सुना. कहा मैं जब छोटी थी तब महल देखने गई थी. तब ही मैंने लता जी को झूले पर मधुबाला गाना गाते हुए सुना. लता जी ने भारत को आजादी के बाद और पहले दोनों तरीकों में देखा है, भारत का इतिहास उनसे जुड़ा हुआ है. कई दशकों तक लता जी ने गाना गाया है. उनकी आवाज भगवान ने प्रदान की थी. मैंने उन्हें गाते देखा है. उन दिनों लोग एक ऑर्केस्ट्रा के साथ रिकॉर्ड करते थे, और लता जी सिंगल टेक में ही गाने रिकार्ड कर दिया करती थीं.

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लता जी को था क्रिकेट का शौक

शर्मिला ने यह भी बताया कि लता जी को क्रिकेट का काफी शौक था. शर्मिला के पति यानी कि क्रिकेटर मंसूर अली खान पटौदी को लता जी की आवाज काफी पसंद थी. जब क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया में मैच हुआ करते थे, लता जी हर मैच देखने आया करती थीं.

पंचतत्व में विलीन हुई लता मंगेशकर

शाम 6.30 बजे शिवाजी पार्क में पूरे सम्मान के साथ लता जी का अंतिम संस्कार किया गया. रविवार सुबह कई ऑर्गन फेलियर की वजह से लता जी का निधन हो गया था. लता मंगेशकर को उनकी सुरीली आवाज के लिए 'भारत की कोकिला' के रूप में जाना जाता है.


 

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