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Exclusive: साउथ बॉम्बे की सड़कों में असली बारिश के बीच शूट हुआ था 'रिमझिम गिरे सावन', खुद बता रही हैं मौसमी चटर्जी 

सोशल मीडिया पर इन दिनों आइकॉनिक सॉन्ग 'रिमझिम गिरे सावन' गाने की री-क्रिएशन पर एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो ने मौसमी चटर्जी और अमिताभ बच्चन के गाने की यादें ताजा कर दी हैं.

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रिम-झिम गिरे सावन
रिम-झिम गिरे सावन

मानसून की बात हो और मंजिल फिल्म के फेमस गाने रिमझिम गिरे सावन का जिक्र न हो, ऐसा संभव नहीं. खासकर इस गाने की यादें तब और ताजा हो गईं, जब इस गाने की एक रीक्रिएटेड वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई. एक बुजुर्ग कपल ने मुंबई के उन्हीं लोकेशन पर जाकर गाने को रिक्रिएट किया है. फिल्म की ओरिजनल एक्ट्रेस मौसमी चैटर्जी हमसे खुद शेयर कर रही हैं इस गाने से जुड़ी यादें. 

बासु चटर्जी होते, तो वीडियो देखकर खुश हो जाते 
इस वायरल वीडियो पर मौसमी कहती हैं, 'मैंने ये वीडियो देखा, जो भी इमीटेट किया जाता है, उसे देखकर हम आर्टिस्ट्स को अच्छा ही लगता है. खुशी इस बात की है कि लोगों के जेहन में आज भी इस गाने की यादें ताजा हैं. इस वीडियो को देखकर मैं बहुत इमोशनल हो गई थी. मैं सोच रही थी कि काश बासु चटर्जी आज जिंदा होते, तो ये वीडियो देखकर बहुत खुश हो जाते उन्हें यह बहुत अच्छा लगता.'

असल बारिश के बीच ही किया था शूट 
रिमझिम गिरे सावन गाने की यादों में खोईं मौसमी चटर्जी बताती हैं, 'पूरे गाने की शूटिंग दो दिनों में हो गई थी. उस पूरे गाने में मैंने एक ही साड़ी पहनी है. जबतक बारिश होती रही, हम शूट करते रहे. जैसे ही बारिश खत्म हुई, हम घर वापस लौट गए थे. पूरा गाना ओरिजनल बारिश में शूट किया गया था. कहीं से भी कोई आर्टिफिसियल वाटर टैंक या बौछारें नहीं इस्तेमाल की गई थीं.' 

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अमिताभ बच्चन-मौसमी चटर्जी

साउथ बॉम्बे के इस लोकेशन पर हुई थी शूटिंग 
इस गाने की लोकेशन का जिक्र करते हुए मौसमी बताती हैं, 'पूरी शूटिंग साउथ बॉम्बे में हुई थी. तीन प्राइम लोकेशन डिसाइड कर लिए गए थे. वो ऐसे लोकेशन थे, जो आस-पास ही थे. मरीन ड्राईव, गेटवे ऑफ इंडिया, धोबी तलव की सड़कें इन जगहों में हमने शूटिंग पूरी की थी. मानसून के वक्त ये जगहें आज भी उतनी ही खूबसूरत लगती हैं, जितनी हमारे शूटिंग के वक्त थीं. यह बहुत ही थ्रिलिंग एक्सपीरियंस था. लोगों के बीच जाकर शूट करना अपने आपमें बड़ी बात होती थी.' 

रीटेक की नहीं थी कोई गुंजाइश 
मौमसी आगे कहती हैं, 'भीड़ तो होती थी, लेकिन लोगों को यह पता नहीं चल पाता था कि मौसमी चटर्जी या अमिताभ बच्चन शूट कर रहे हैं. हालांकि उस वक्त अमिताभ भी इतने बड़े स्टार बने नहीं थे. उनको जैसे पता चलता कि हम दोनों हैं, तो उसी वक्त हम स्पॉट से गायब हो जाते थे. तब तो वैनिटी वैन नहीं था. बासु चटर्जी के साथ काम करने का एक्सपीरियंस शानदार रहा. इस गाने की सबसे खास बात यही थी कि बिना रीटेक के पूरा गाना शूट किया गया था. दरअसल जिस माहौल में हमने शूट किया था, वहां रीटेक की कोई गुंजाइश ही नहीं थी. गाना कोई गा तो नहीं रहा था, इसलिए बस हमें एक्शन और रिएक्शन ही देना था.'

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रूमाल के गिरने और उठने पर होता था शॉट पूरा 
असल बारिश के बीच शूटिंग का किस्सा शेयर करते हुए मौसमी बताती हैं, 'इस बात में डायरेक्टर साहब बासु चटर्जी के तैयारी की दाद देनी होगी. उन्होंने लोकेशन में सारे कास्ट ऐंड क्रू को पहले से ही तैयार रखा था. जैसी ही बारिश होती, हमारी शूटिंग शुरू हो जाती. हमें अपना सीक्वेंस समझा दिया गया था. हमें रूमाल देकर एक्शन का इंडिकेशन दिया जाता था. वहीं जैसे ही उन्होंने दोबारा रूमाल गिराई, मतलब शॉट पूरा हो गया. उस बीच हमारे स्पॉट के आस-पास ही एक कार तैनात रहती थी ताकि वो पैकअप होते ही हम फौरन उस गाड़ी में बैठ जाएं. वहां पास में एक रेस्त्रां होता था, जहां बैठकर हम गर्म चाय की लुत्फ उठाते थे. वहीं मेकअप का टचअप भी हो जाया करता था.'

बिखर गए थे काजल..

 बारिश के बीच शूटिंग से जुड़ी मुश्किलों पर मौसमी कहती हैं, 'रेस्त्रां में जाकर शॉट पूरा कर हम अपना काम करते थे. मुंबई के टाउन में वो बहुत ही छोटा सा रेस्त्रां था. वहीं भीगने के बाद मैं वहीं का वॉशरूम यूज करती थी. उस वक्त में वैनिटी वैन का कल्चर नहीं होता था. हम एक्ट्रेसेज बहुत ही कम सुविधाओं में शूटिंग पूरी कर लेते थे. जब हम काम करते हैं, उस वक्त तो चाहे कितने भी मुश्किलात रहे हों लेकिन हमारे पास कोई बहाना तो नहीं होता है. उस वक्त तो बस फोकस यही होता है कि हम सीन पूरी कर लें. इस गाने को शूट करते वक्त मेरी आइलाइनर बिखर गईं थीं, साड़ी के प्रिंट्स मेरी बॉडी पर चिपक गए थे. इस गानें से मेरी बहुत सी यादें जुड़ी हैं. हमने शूटिंग को वाकई में बहुत इंजॉय भी किया था.' 

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