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मुगल-ए-आजम की शूटिंग के वक्त क्यों असहज थे पृथ्वीराज कपूर? ये थी वजह

आज भी पृथ्वीराज कपूर को अकबर के रोल के लिए याद किया जाता है. अपनी भारी आवाज और दमदार पर्सनालिटी के दम पर उन्होंने जिस तरह से अकबर का रोल प्ले किया था वैसा आज तक कोई नहीं कर पाया.

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मुगल-ए-आजम से पृथ्वीराज कपूर
मुगल-ए-आजम से पृथ्वीराज कपूर

दिग्गज एक्टर पृथ्वीराज कपूर का नाम इंडस्ट्री में बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है. उन्होंने उस समय में सिनेमा में कदम रखा जब सिनेमा की शुरुआत ही हुई थी. कई सारी मूक फिल्मों का वे हिस्सा रहे. इसके अलावा वे बॉलीवुड की पहली बोलती फिल्म अलम आरा में भी खास रोल प्ले करते नजर आए थे. पृथ्वीराज के करियर की सबसे बड़ी फिल्म थी मुगल-ए-आजम. इस फिल्म में वे बादशाह अकबर के रोल में नजर आए थे. 

पृथ्वीराज कपूर का जन्म 3 नवंबर, 1906 को हुआ था. आज भी उन्हें अकबर के रोल के लिए याद किया जाता है. अपनी भारी आवाज और दमदार पर्सनालिटी के दम पर उन्होंने जिस तरह से अकबर का रोल प्ले किया था वैसा आज तक कोई नहीं कर पाया. मगर बहुत कम लोगों को इस बारे में पता होगा कि पृथ्वीराज कपूर इस रोल को करते समय थोड़ा असहज महसूस कर रहे थे.

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दरअसल उनके मन में ये वहम बैठ गया था कि वे इस रोल के लिए सही शख्स नहीं हैं और वे खुद को वैसा नहीं देख पा रहे हैं जैसा अकबर को होना चाहिए. इस वजह से वे शूटिंग के दौरान हर एक सीन के बाद खुद को आइने में देखते थे. इनसिक्योर फील करने की वजह से वे बार-बार ऐसा करते थे. फिर जब डायरेक्टर के आसिफ ने उनसे इस बारे में पूछा कि वे ऐसा क्यों कर रहे हैं तो पृथ्वीराज ने उन्हें अपने मन के इस वहम के बारे में बताया. के आसिफ ने जब ये सुना तो उन्होंने कहा कि वे अच्छा कर रहे हैं.

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मुगल-ए-आजम के 6 दशक पूरे

बता दें कि मुगल-ए-आजम फिल्म साल 1960 में रिलीज हुई थी. इस साल फिल्म ने रिलीज के 60 वर्ष पूरे कर लिए. फिल्म में दिग्गज कलाकार दिलीप कुमार और दिलकश अदाकारा मधुबाला का रोमांस देखने को मिला था. फिल्म उस समय बहुत बड़े बजट में बनी थी और बॉक्सऑफिस पर धमाल मचा दिया था. फिल्म आज भी लोगों के बीच खासी पॉपुलर है.

 

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