
अमेजन प्राइम की वेब सीरीज 'फर्जी' में शाहिद कपूर और विजय सेतुपति का सॉलिड कॉम्बिनेशन लोगों का दिल जीत रहा है. नकली नोटों से जुड़ी इस कहानी में डायरेक्टर जोड़ी राज एंड डीके का ट्रेडमार्क ह्यूमर भी मजेदार है. 'फर्जी' को लेकर एक कॉमन राय ये है कि शो का स्क्रीनप्ले थोड़ा और बेहतर हो सकता था, लेकिन सभी एक्टर्स का काम बहुत अच्छा है.
राज एंड डीके ने 'फर्जी' से पहले 'द फैमिली मैन' जैसा बेहद पॉपुलर वेब शो बनाया है. आजकल कहानियों में यूनिवर्स और क्रॉस ओवर के जरिए एक दूसरे से जोड़ने का ट्रेंड चल रहा है. ऐसे में कई फैन्स को उम्मीद थी कि क्या 'फर्जी' और 'द फैमिली मैन' एक ही यूनिवर्स का हिस्सा हो सकते हैं? तो फैन्स की ये दुआ क़ुबूल हो चुकी है और मनोज बाजपेयी के शो से कई किरदार 'फर्जी' में भी छोटे-छोटे सीन्स में दिखे हैं. आइए बताते हैं इन किरदारों के बारे में:
शिंदे

'द फैमिली मैन' के पहले सीजन में कांस्टेबल शिंदे को आपने चाय के ठेले की आड़ में जासूसी करते देखा होगा. दूसरे सीजन में वो इंस्पेक्टर बन चुके थे. ये किरदार अजय जाधव ने निभाया था और शो में उनके सीन्स फनी भी थे. 'फर्जी' में नकली करंसी पकड़ने निकली टीम की ऑफिसर मेघा, प्रिंटिंग प्रेस में चेकिंग के लिए शिंदे की मदद लेती है.

पुनीत और अजीत

श्रीकांत तिवारी की स्पेशल टीम में डिजिटल सर्विलांस और टेक का काम पुनीत (अरित्रो रुद्रनील बैनर्जी) के हवाले था. टीम में अजीत (विजय विक्रम सिंह) का काम फोन कॉल ट्रैकिंग और डिजिटल सर्विलांस का था. इन दोनों किरदार 'द फैमिली मैन' के दोनों सीजन में थे. 'फर्जी' में माइकल कहीं जाते हुए (विजय सेतुपति) ऑफिस बिल्डिंग के बाहर खड़े पुनीत और अजीत से, तिवारी के बारे में पूछता नजर आता है.
चेल्लम सर

'द फैमिली मैन' सीजन 2 में चेल्लम सर के पास हर चीज से जुड़ी जानकारी मिल जाती थी. उनके नेटवर्क बहुत तगड़ा था. वो एक घोस्ट हैं जिन्हें किसी ने नहीं देखा, और किसी के पास उनका कांटेक्ट नहीं होता. 'फर्जी' में भी चेल्लम सर माइकल की मदद करते नजर आते हैं और उसे बहुत काम की जानकारी देते हैं. ये जानकारी शो में नकली नोटों का डिस्ट्रीब्यूशन संभाल रहे बिलाल के काम आती है.

वड़ा पाव बेचने वाला
'द फैमिली मैन' के पहले सीजन में तिवारी एक वड़ा पाव वाले के ठेले पर खड़े होकर, उसके एक्सीडेंट की झूठी कहानी अपने सीनियर को सुनाता है. तिवारी की झूठ बोलने की कला देखकर बेचारा ठेले वाला दंग रह जाता है और पूछता है- 'सर इस कहानी में मैं जिंदा बचता हूं या नहीं?' 'फर्जी' के एक सीन में मंसूर (के के मेनन), सनी (शाहिद कपूर) को वड़ा पाव खिलाने ले जाता है.

वड़ा पाव की दुकान चलाने वाला आदमी वही ठेले वाला लगता है. सीन में उसका डायलॉग भी है- 'स्टेशन वाला ठेला भी दुकान बन गया है'. अगर ये दोनों व्यक्ति सेम नहीं भी हैं, तो इतना तय है कि इनका भी अपना एक कनेक्शन है.
श्रीकांत तिवारी
'द फैमिली मैन' में मनोज बाजपेयी का किरदार श्रीकांत तिवारी ही कहानी का नायक है. ये इंडियन ओटीटी स्पेस में सबसे पॉपुलर कैरेक्टर्स में से एक है. 'फर्जी' से खुद श्रीकांत तिवारी आपको मिलते हैं. लेकिन वो दिखते नहीं, उनकी आवाज सुनाई देती है. शो में माइकल फोन पर तिवारी से बात करता नजर आया और मनोज बाजपेयी की आवाज तुरंत पहचान में आ जाती है.

मिलिंद
यहां मामला थोड़ा उलझा हुआ है. तिवारी का साथी मिलिंद तो आपको याद ही होगा. 'द फैमिली मैन' के पिछले दोनों सीजन मेंसनी हिंदूजा ने ये किरदार बहुत अच्छा निभाया था. दूसरे सीजन में जब उसकी मौत हुई तो दर्शकों को काफी बुरा लगा था.

'फर्जी' के आखिरी एपिसोड में राज एंड डीके ने अपने तरीके से मिलिंद को ट्रिब्यूट दिया है. क्लाइमेक्स से ठीक पहले सनी और फिरोज (भुवन अरोड़ा) एक अंडर कंस्ट्रक्शन बिल्डिंग के सामने खड़े हैं. उनके पीछे लिखा हुआ हुआ नजर आ रहा है 'मिलिंद हिंदुजा नगर'. ये मिलिंद का किरदार निभाने वाले सनी हिंदुजा को एक ट्रिब्यूट है.

इस सीन में एक और बहुत मजेदार चीज है. सनी और फिरोज के पीछे जिस 'गोल्डन ट्रायंगल' सोसायटी का बोर्ड लगा है उसका जिक्र 'द फैमिली मैन' में भी है. ये वही सोसायटी है जिसका बोर्ड तिवारी बहुत दिलचस्पी लेकर देख रहा था.

'द फैमिली मैन' के किरदारों का 'फर्जी' में कहानी का हिस्सा बनना इस बात का पूरा चांस है कि राज एंड डीके के यूनिवर्स में कभी न कभी दोनों कहानियां और सारे लीड किरदार भी मिलते दिखेंगे. अब ये 'द फैमिली मैन' के तीसरे सीजन में होता है या 'फर्जी' के दूसरे सीजन में, जनता बस यही देखने के इंतजार में रहेगी.