सुनील शेट्टी, सूरज पंचोली, आकांक्षा शर्मा स्टारर केसरी वीर 23 मई को रिलीज होने वाली है. फिल्म का काफी बज है. फिल्म हमीरजी गोहिल की कहानी को बताती है, जो कि एक बहादुर योद्धा थे, जिन्होंने सोमनाथ मंदिर की रक्षा के लिए तुगलक साम्राज्य से लड़ाई लड़ी थी. इस शौर्य गाथा को पर्दे पर दिखाने के लिए जितने बेताब मेकर्स हैं, उतना ही फैंस भी फैंस भी बेकरार हैं. फिल्म की कहानी, उसकी शूटिंग में आने वाली मुश्किलों, ट्रोलिंग और कई बड़े मुद्दों पर केसरी वीर की कास्ट ने आजतक से एक्सक्लुसिव बात की.
बॉर्डर से केसरी वीर तक का सफर कैसा रहा?
सुनील बोले- वो फिटनेस लेवल तो अब बहुत स्लो हो गया है, वो लोगों को समझ में नही आता, लेकिन पर्सनली वो आपको समझ में आता है. क्योंकि 30 साल की उम्र में और 60 साल की उम्र में, कितना फर्क होता है. 30 साल बाद में कितनी मेहनत लगती है. लेकिन कहीं न कहीं स्मार्ट एक्टर भी हूं तो अपने-आप को बचाकर रखता हूं. आज रिहर्सल दूर से देखता हूं, मेंटली रिहर्स करता हूं, धीरे मुवमेंट करता हूं. और फिर जब फाइनल टेक होता है तो पूरा जोर लगा देता हूं. अगर मैंने आखिर में पूरा जोर नहीं लगाया तो पता है कि वेगड़ा जी के उस किरदार के साथ न्याय नहीं होगा. वैसे भी ये इनजस्टिस ही है, क्योंकि उनकी सोच, उनका जान देना देश के लिए ये सोचते हुए कि मैं जियूंगा नहीं, आगे बढ़ना. और उस कैरेक्टर को सिर्फ प्ले करना- अपने आप में बड़ा फर्क है. लेकिन एक बहुत ही प्राउड फीलिंग है.
मैं कह सकता हूं कि ये कैरेक्टर देखने के बाद भी लोगों को बॉर्डर के भैरौं सिंह याद आएंगे. कैसे कनेक्ट होगा, ये जब मैं आपसे दोबारा मिलूंगा तब जरूर डिस्कस करेंगे क्योंकि तब आप ही कहेंगे कि ये कैसे वहां कनेक्ट हुआ. ये वो मोमेंट है जो मेरी हमेशा कोशिश रहेगी कि मैं याद दिलाऊं, क्योंकि तुरंत ये कनेक्शन हमेशा वो जताता है कि भारत के लोग जब ऐसे वक्त में एकजुट हो जाता है तो क्या असर कर जाता है. इसलिए सालों साल आप देखिए दुनिया ने लूटने की कोशिश की, लेकिन कभी कामयाब नहीं हो पाए.
2015 का 'हीरो' कैसे बना 'केसरी वीर'
सूरज पंचोली बोले- मुझे हमेशा एक वॉरियर का किरदार निभाना था. जब भी मैंने किसी पीरियड वॉर की फिल्म देखी, मैंने सोचा कि क्या यार मुझे भी तलवार पकड़नी है, मुझे भी ऐसा करना है. दरअसल, मुझे ये फिल्म मिली ही मेरी फिजिकल फिटनेस की वजह से है. कम से कम मेरे फिटनेस का ध्यान रखना मुझे काम आया. अगर मैं पतला-दुबला होता तो मेरे पास ये लोग आते ही नहीं. जाहिर है, इसमें बहुत मेहनत लगी, क्योंकि ऐसे दो सुपरस्टार्स के साथ काम करना था, जो अपने आप में ब्रांड हैं और इतने बड़े एक्टर्स हैं- सुनील शेट्टी और विवेक ओबेरॉय सर. मैं अभी भी अपने आपको न्यू कमर कहता हूं भले ही मैंने 4 फिल्में की हैं, क्योंकि वो अगर 19 हैं तो मैं कम से कम 16 तक तो आ ही सकता हूं. तो मुझे सच में अपने डिक्शन, इमोशन्स पर काम करना पड़ा. साथ ही लाइफ में जो भी सब हुआ उसका सारा इमोशन मैंने इसमें झोंक दिया. मेरे लिए ये करो या मरो वाली स्थिति थी.
45 डिग्री में गाना किया शूट
आकांक्षा शर्मा ने कहा कि मैं जब तैयारी होती थी तो बहुत मुश्किल होता था. वो भारी ज्वेलरी, कपड़े, मेकअप, लेकिन जब भी मैं वैनिटी से बाहर निकलती थी तब मैं राजल बनकर ही निकलती थी. मैं भूल जाती थी कि मैं आकांक्षा हूं. क्योंकि वो लोग जब उस वक्त में इस तरह के कॉस्ट्यूम पहनकर वॉर में जा सकते थे, इतनी कुर्बानियां दे सकते थे तो हम कुछ भी नहीं. चैलेंजिस बहुत थे, लेकिन हमने उनके बारे में सोचा नहीं. सूरज भी इतने एनर्जेटिक होते थे जब भी सेट पर होते थे, इतने सपोर्टिव होते थे, कि कभी लगा नहीं कि ये एक ऐसी फैमिली से आते हैं जो एक पोजिशन होल्ड करती है. जिस भी दौर से वो गुजरे हैं, वो काबिल-ए-तारीफ है.
बेटे अहान के लिए डरते हैं सुनील शेट्टी?
सुनील बोले- नहीं मैं बिल्कुल भी नहीं डरता क्योंकि मुझे पता है अहान में कितनी काबिलियत है. मुझे पता है कि भारत को लेकर, हमारी फौज को लेकर कितना पैशनेट है. शायद मैंने उतनी रिसर्च नहीं की होगी, लेकिन अहान जब रिसर्च करता है तो वो नेक्स्ट लेवल का है. वो कमांडोज के साथ ट्रेनिंग कर चुका है. उसका बॉडी लैंग्वेज अलग ही लेवल का है. जब वो कमांडोज के साथ ट्रेनिंग किया करता था, शिफू जी उसे लेकर जाया करते थे. कमांडोज ही मुझसे ही कभी-कभी कहा करते थे कि ये हमें ही पीछे छोड़ देता है. वो ऐसा है.
मैं एक बात जानता हूं कि अगर आप उसकी वॉइस मॉड्यूलेशन देखेंगे तो मेरे से थोड़ी ऊंची है उसकी, लेकिन कॉन्फिडेंस और सोच की क्लेरिटी और आवाज ही एक एक्टर को बनाती है. जब ऐसे एक्टर्स को अच्छी स्क्रिप्ट मिल जाए तो वो एक्टर कमाल कर जाता है. अहान को पहली ही फिल्म बॉर्डर जैसी मिल रही है, इसके बाद उसके लिए मुश्किल होगी. इसके बाद जो फिल्में वो चूज करेगा उसके लिए इस स्टैंडर्ड को मेनटेन करना मुश्किल होगा.
मां कैसे हैंडल करती हैं सूरज को लेकर हुई ट्रोलिंग
सूरज बोलीं- हर मां और बाप को फील होता है. लेकिन उन्हें ये भी पता है कि मैं ऐसी इंडस्ट्री में हूं तो ये पार्ट है उसका. वो बहुत स्ट्रॉन्ग हैं. मां तो बहुत ही हैं, पिता तो इमोशनल हैं, मेरी तरह. मां ने लेकिन सबको संभाला हुआ है. तो ये हमने कभी ऐसी ट्रोलिंग पर बात ही नहीं की है. क्योंकि घर में हमेशा पॉजिटिव माहौल रखने की कोशिश की जाती है.
सुनील ने तोड़ी अथिया की डिलीवरी पर दिए गए कमेंट पर हुई ट्रोलिंग पर चुप्पी
सुनील ने कहा कि 'कुछ भी बोलने से पहले बच्चे (सूरज-आकांक्षा) मेरे साथ थे. देखिए 200 लाइन में से दो लाइन निकालकर उसे हाइटलाइट करना आसान चीज है. ये कौन-सी ऑनलाइन मैग्जीन है जो हर बार ये चीज करती है. उनकी हिस्ट्री में यही है. वो जाने ही इसके लिए जाते हैं. मैं कुछ नहीं कहना चाहता. गलती हो गई मैं हमेशा माफी मांगकर बात खत्म करना चाहता हूं. मैं उनमें से हूं जो सबसे पहले हमेशा माफी मांगता हूं. उस दिन जो हम लोग कर रहे थे 20-25 औरतें साथ थीं. उसमें बिल्कुल ट्विस्ट डाला गया है.'
सुनील ने आगे कहा कि 'मैं औरतों को ये दर्जा देता हूं. जाहिर सी बात है कि मुझे पता है कि जब सी-सेक्शन होता है तो बच्चों को 6 बच्चे लग जाते हैं. क्योंकि वो रिकवरी ही इतना वक्त लेती है, सर्जरी होती है, फीडिंग कराना होता है. रिकवरी ही नहीं होती है, दो-तीन महीने तो इसी में निकल जाते हैं. मैं बात कर रहा था तारीख की, डिजाइन की, अब आप पहले से तय कर सकते हैं कि कब बच्चा पैदा करना है. मैं ये कहने की कोशिश कर रहा था कि हर पिता को अपनी बच्ची के साथ रहना चाहिए, बीवी के साथ रहना चाहिए. तब उसे पता चलेगा कि एक बीवी को मां का दर्जा कैसे दिया जाता है. प्यार तो होता ही है, लेकिन रिस्पेक्ट तब आता है.'
मां बच्चे को पिता से बेहतर संभालती है
सुनील बोले कि 'मेरी जिंदगी 32 साल पहले बदल गई थी. मैंने कहा था- और आज भी सबसे यही कहता हूं कि आपको पता है औरत की असली ताकत. इसलिए मैं कहता हूं कि अगर मैं मर जाऊं तो ठीक है, यार. लेकिन मां बच्चों के साथ रहनी चाहिए क्योंकि वो कंट्रोल करती है, बच्चों को अच्छे से. बिना पैसे के वो हैंडल करती है. क्योंकि तब पैसे की जरूरत नहीं होती है, इमोशनल सपोर्ट की जरूरत होती है. पिता टूट जाते हैं, सिंगल फादर उस तरह से बच्चे का ध्यान नहीं रख पाते जैसे मां रख लेती हैं.'
सुनील ने अपने दर्द को आगे बयां करते हुए कहा कि 'मैं वहां से आता हूं जहां से मुझे पता है कि दिल कैसा है. उनपर डिपेंड करता हूं जिनके साथ मेरा नाता है. वो जानते हैं मुझे, अब दुनिया जब मुझे पहचानेगी. मुझे हमेशा याद रहेगा कि मेरे साथ गलत किया गया है. वहां 25 औरतें थीं उनकी आंखों में आंसू थे. मेरी को-एक्टर हैं आकांक्षा, इनसे पूछ लीजिए कि कभी मैंने गलत बिहेव किया हो. और आपने दो लाइन उठाकर डाल दिए. इस सेंसिटिव टॉपिक का इस तरह से उछालना ठीक नहीं है.'