scorecardresearch
 

मैं धार्मिक गानों का फ्लैग बैरियर बनने को हूं तैयार, बोले जुबीन नौटियाल

बॉलीवुड इंडस्ट्री में जुबीन नौटियाल की गिनती टॉप के सिंगर्स में हैं. एक ओर जहां जुबीन कमर्शल फिल्मी गाने लगातार रिलीज करते जा रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर पिछले दो सालों में जुबीन के कई डेवोशनल सॉन्ग भी आए हैं. नवरात्र के मौके पर खास उन्होंने मेरी मां के जैसा कोई नहीं गाना लॉन्च किया है.

Advertisement
X
जुबीन नौटियाल
जुबीन नौटियाल
स्टोरी हाइलाइट्स
  • नवरात्र में रिलीज कर रहे हैं जुबीन devotional song
  • कहा, कोरोना काल की वजह से बढ़ा झुकाव

पिछले कुछ समय में बॉलीवुड सिंगर जुबीन नौटियाल का झुकाव फिल्मी गीत के साथ-साथ डेवोशनल सॉन्ग में भी दिखा है. कबीरवाणी, जन्माष्टमी और रामनवमी के त्योहारों में जुबीन अपने गीत लॉन्च करते हैं. 

मंगलवार को भी नवरात्र के मौके पर जुबीन ने एक सॉन्ग लॉन्च किया है. जिसे जुबीन न केवल दुर्गा मां बल्कि उन सभी माओं को डेडिकेट करते हैं, जो अपने बच्चे की सक्सेस पर अपनी जिंदगी न्यौछावर कर देती हैं. आजतक से खास बातचीत के दौरान जुबीन ने धार्मिक गीतों के प्रति अपनी झुकाव के बारे में भी बताया है. 

कार्तिक आर्यन से फैन ने पूछा- कैसी है उनकी कार Lamborghini Urus? एक्टर बोले- एवरेज कम देती है

 

रैट रेस में मैं अपना अस्तित्व भूलने लगा था

जब एक आर्टिस्ट की जिंदगी में सक्सेस आती है, तो उसकी जिंदगी में कई सारे मौके, बड़े-बड़े गाने, बड़े लोग आपके साथ काम करना चाहते थे, लोग ऐसा काम करना चाहते हैं, जिसमें प्रमोशनल वैल्यू हो. इस भागदौड़ और यहां की चकाचौंध में भूल जाता है कि वो कहां से आता है और उसकी शुरूआत कैसे हुई थी. उसे बता ही नहीं होता है कि वो ऐसा क्यों बन गया है. तो यहीं से वो लॉस्ट होना शुरू हो जाता है. एक निश्चित जर्नी के बाद आपको भी नहीं पता होता है कि आखिर आगे क्या किया जाए. मेरे साथ भी यही हुआ, मैं इस रैट रेस में खुद को खोने लगा था. 

Advertisement

डायमंड ईयररिंग-गले में लॉकेट पहनकर जिम में वर्कआउट करते दिखे Ranveer Singh, बॉडी देख फैंस इंप्रेस

महामारी ने खुद पर सोचने को किया मजबूर

मैं खुद के बारे में यही  कहना चाहूंगा कि महामारी के पहले तक मैं कुछ ऐसा ही हो गया था. घर पर बैठकर यही सोचने लगा कि आखिर मैं किस चीज के पीछे भाग रहा हूं. आखिर मेरा मकसद क्या है इस इंडस्ट्री में आने का. हर आर्टिस्ट के फेज में वो लाइफ आता है, जब वो रैट रेस में फंस जाता है. दुनियादारी में लग जाता है. लोगों को इंप्रेस करने लगता है और उसी में खुद को खोने लगता है. अपनी नींव को खोने लगता है.

चाहता हूं कि लोग अपने कल्चर को न भूलें

एक ओर जहां मैं कमर्शल गाने गा रहा हूं, तो दूसरी तरफ भी मेरी यही जिम्मेदारी बनती है कि मैं कुछ ऐसे गाने भी लेकर आऊं, जिससे लोग खुद को जुड़ा हुआ महसूस करें. आर्टिस्ट के काम को देखकर अगर कोई भावुक हो जाए, तो ये सबसे बड़ी कमाई होती है. कबीर का दोहा को मैं इस साल की सबसे बड़ी हाइलाइट मानता हूं. आज जो गाना रिलीज हुआ है, मेरी मां जैसा कोई नहीं, यह भी नवरात्र के मौके पर लेकर आ रहा हूं, ताकि लोग हमारे कल्चर को पकड़ कर चलें.

Advertisement

मैं फ्लैग बैरियर बनने को हूं तैयार 

एक वक्त था, जब टी-सीरीज इन गानों के लिए पहचाना जाता था. अब अचानक से इस तरह के गाने आने बंद हो गए हैं. आप कह सकती हैं कि जो धार्मिक गाने पहले बना करते थें, मेरी यही कोशिश है कि मैं उस दौर को वापस लाऊं और उसका फ्लैग बैरियर बनने में मुझे खुशी होगी. जब भी हम दुख में होते हैं, या तो मां के पास जाते हैं या फिर मंदिर, मस्जिद जाकर दुआ करते हैं. जब हम छोटे थे, तो हमें बहुत से लोग बताने वाले थे, कि हमारे ग्रंथ में क्या है, या जो पौराणिक कहानियां हैं. लेकिन अब कौन बताए. इसलिए ये जरूरी है. गाने के जरिए लोगों को अपने रूट्स से जोड़ने की करूंगा कोशिश. 

 

Advertisement
Advertisement