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ए आर रहमान को आते थे सुसाइड के ख्याल, मां की इस सलाह से सीखा मुश्किल दौर से डील करना

संगीतकार ए आर रहमान ने एक नई बातचीत में मेंटल हेल्थ और आध्यात्म पर खुलकर बात की. रहमान ने बताया कि एक समय उन्हें भी सुसाइड करने के ख्याल आते थे. लेकिन उनकी मां ने उन्हें एक सलाह दी जिससे उन्होंने मुश्किल दौर में खुद को संभाले रखना सीखा.

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ए आर रहमान
ए आर रहमान

भारत के टॉप संगीतकारों में से एक ए आर रहमान को इंटरनेशनल लेवल पर भी खूब ख्याति मिल चुकी है. उनके काम को दुनियाभर में बहुत सराहा जाता है और उन्होंने हॉलीवुड फिल्मों के लिए भी म्यूजिक दिया है. ग्लोबल म्यूजिक सीन में रहमान का दर्जा एक जीनियस का है. रहमान हाल ही में ऑक्सफोर्ड यूनियन डिबेटिंग सोसाइटी के स्टूडेंट्स से एक इंटरेक्शन कर रहे थे.

इस बातचीत में उन्होंने बताया कि जब वो यंग थे तो उन्होंने कैसे नेगेटिव ख्यालों से डील करना सीखा. रहमान ने ये भी बताया कि जब वो यंग थे तो उन्हें भी सुसाइड करने के ख्याल आते थे और उनकी मां, करीमा बेगम ने उन्हें इनसे डील करना सिखाया. रहमान ने आध्यात्म के साथ अपने जुड़ाव के बारे में भी बात की. 

सुसाइड करने के ख्यालों से कैसे लड़े रहमान?
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, रहमान ने स्टूडेंट्स से बात करते हुए मुश्किल दौर में खुद को संभालने और डार्क थॉट्स के बारे में बात की. उन्होंने बताया, 'जब मैं यंग था और मुझे सुसाइडल थॉट्स आते थे तो मेरी मां कहती थीं- 'जब आप दूसरों के लिए जियेंगे तो आपको ऐसे ख्याल नहीं आएंगे.' ये मेरी मां की दी सबसे खूबसूरत सलाहों में से एक है.' 

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अपनी मां की इस सलाह पर डिटेल में बात करते हुए रहमान ने बताया कि दूसरों के लिए जीना कितना महत्वपूर्ण है. उन्होंने आगे कहा, 'जब आप दूसरों के लिए जीते हो, और आप सेल्फिश नहीं हो, तो आपकी लाइफ को एक मीनिंग मिलती है. मैंने इसे बहुत गंभीरता से लिया. चाहे आप किसी के लिए कंपोज कर रहे हो, कुछ लिख रहे हो, किसी ऐसे व्यक्ति के लिए खाना ले रहे हो जो खुद इसे अफोर्ड नहीं कर सकता, या आप बस किसी की तरफ देखकर मुस्कुराते हो... ये चीजें आपको चलाती रहती हैं. साथ ही, हमें अपने भविष्य के बारे में बहुत लिमिटेड जानकारी होती है. हो सकता है कि आपके लिए कुछ बहुत अनोखी चीज इंतजार कर रही हो. अगर आपके पास ये सारी चीजें होती हैं, और उम्मीद होती है, ये मुझे आगे बढ़ाता रहता है. कभी-कभी मुझे लगता है कि मैंने सबकुछ कर लिया है, मैं बस सबकुछ दोहरा रहा हूं, और तब अचानक एहसास होता है कि आपके लिए एक बड़ा रोल तय किया गया है.' 

रहमान का आध्यात्म के साथ कनेक्शन 
स्टूडेंट्स के साथ बातचीत में रहमान से ये भी सवाल पूछा गया कि वो आध्यात्म के बारे में और बात क्यों नहीं करते? जवाब देते हुए रहमान ने कहा कि सभी को डार्क फेज का अनुभव होता है और (तब) ये याद रहना जरूरी है कि जीवन बहुत छोटा है. उन्होंने कहा, 'हम सभी के जीवन में डार्क फेज आता है. एक बात तय है कि ये इस संसार में एक बहुत छोटा-सा सफर है. हम पैदा हुए और एक दिन चले जाएंगे. ये हमारे लिए परमानेंट जगह नहीं है. हमें नहीं पता कि हम कहां जाने वाले हैं. ये हर व्यक्ति की अपनी कल्पना और विश्वास पर डिपेंड करता है.' 

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रहमान को लगता है कि ये अप्रोच जीवन को मीनिंग देती है और उन्हें आगे बढ़ाती रहती है. रहमान मानते हैं कि वो एजुकेशन और यंग जेनरेशन को मेंटर करके समाज में अपना योगदान दे सकते हैं. रहमान ने आखिरी बार हिंदी फिल्म 'पिप्पा' के लिए म्यूजिक दिया था, जिसमें ईशान खट्टर और मृणाल ठाकुर ने लीड रोल निभाए थे. 

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