नेपाल की तराई से सटा हुआ बिहार का अररिया जिला पहले पूर्णिया का हिस्सा था. यह ज़िला प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार फणीश्वरनाथ रेणु की कर्मभूमि रहा है. बाढ़ प्रभावित इस इलाके में रोजगार और नौकरी के लिए पलायन सबसे बड़ी समस्या है. 2014 के लोकसभा चुनाव में अररिया सीट पर आरजेडी के मोहम्मद तस्लीमुद्दीन जीते थे. लेकिन तस्लीमुद्दीन के निधन के बाद मार्च 2018 में यहां उपचुनाव कराए गए. जिसमें आरजेडी के उम्मीदवार और तस्लीमुद्दीन के बेटे सरफराज आलम विजयी रहे. अररिया सीमांचल क्षेत्र का हिस्सा है और यह क्षेत्र मुस्लिम बहुल है. 45 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम और यादव मतदाता यहां हैं. मुस्लिम और यादव वोटों के समीकरण से यहां आरजेडी के तस्लीमुद्दीन ने 2014 में जीत हासिल की. सुखदेव पासवान इस सीट से 5 बार जीते. अररिया लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र की 6 विधानसभा सीटों में 4 पर NDA काबिज है वहीं 1 सीट कांग्रेस और एक आरजेडी के पास है. इस लोकसभा क्षेत्र में वोटरों की संख्या 1,311,225 है. महिला मतदाता 621,510 जबकि पुरुष मतदाता 689,715 हैं.