आमतौर पर जब देश आवाज़ देता है तो ये कहा जाता है कि ये 130 करोड़ हिंदुस्तानियों की आवाज़ है, लेकिन जब चुनाव आता है तो 130 करोड़ का ये परिवार अचानक धर्म, इलाका, जात-पात और भाषा के झगड़े में फंस जाते हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में यूपी में 55 मुस्लिम उम्मीदवार खड़े हुए थे लेकिन जीता कोई नहीं. जबकि 80 सीटों वाली यूपी में 35 सीटों पर मुस्लिम वोट निर्णायक है. बीजेपी की जीत ने धर्मनिरपेक्षता का नाटक करने वाली पार्टियों के सामने ये साबित कर दिया कि मुस्लिम वोट के बगैर भी चुनाव जीते जा सकते हैं, तो अब मुसलमान के मन में क्या है? इस पूरे चुनाव में हिंदू-मुसलमान की हवा में असल मुद्दे लगभग उड़ चुके हैं. देखें ये रिपोर्ट.