
उत्तराखंड राज्य के हरिद्वार जिले में रुड़की के पास कलियर नामक गांव है. इस गांव के नाम पर ही पिरान कलियर विधानसभा सीट है. ये गांव हरिद्वार से करीब 25 किलोमीटर और तहसील रुड़की से करीब आठ किलोमीटर दूर है. पिरान कलियर में एक विश्व प्रसिद्ध दरगाह मौजूद है जो सूफी संत अलाउद्दीन अली अहमद साबिर को समर्पित है.
कलियर शरीफ का यह प्रसिद्ध दरगाह हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई हर धर्म के अनुयायियों के लिए महान आध्यात्मिक ऊर्जा का स्थान माना जाता है. ये 13वीं सदी के महान मुस्लिम संत रहे हैं जो बाबा फरीद के शिष्य थे. इनकी मृत्यु के बाद शेरशाह सूरी ने कलियर शरीफ में दरगाह का निर्माण करवाया था.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
पिरान कलियर विधानसभा 2012 में अस्तित्व में आई. 2012 से ही इस विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा कायम है. 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हाजी फुरकान अहमद और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से हाजी मोहम्मद शहजाद के बीच मुकाबला हुआ था. इसमें कांग्रेस प्रत्याशी हाजी फुरकान अहमद को 25870 और हाजी मोहम्मद शहजाद को 23926 वोट मिले. इसमें जीत का अंतर 1944 वोट का रहा था और कांग्रेस प्रत्याशी हाजी फुरकान अहमद ने जीत दर्ज कराई थी.

2017 का जनादेश
पिरान कलियर विधानसभा सीट से 2017 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने हाजी फुरकान को उम्मीदवार बनाया. हाजी फुरकान के सामने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के जय भगवान सैनी की चुनौती थी. हाजी फुरकान को बीजेपी के जय भगवान ने कड़ी टक्कर दी. हाजी फुरकान 1349 वोट के करीबी अंतर से चुनावी बाजी जीतकर फिर से विधानसभा पहुंचने में सफल रहे.
सामाजिक ताना-बाना
पिरान कलियर विधानसभा सीट मुस्लिम बाहुल्य सीट है. इस विधानसभा क्षेत्र में अनुमान के मुताबिक 50 हजार से अधिक मुस्लिम वर्ग के वोटर हैं जिनमें झोझा, अंसारी, अल्वी, कुरैशी, गाड़ा, घोसी, सैफी आदि शामिल हैं. दलित और सैनी जाति के मतदाता भी इस विधानसभा सीट का चुनाव परिणाम तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं.

विधायक का रिपोर्ट कार्ड
विधायक फुरकान अहमद का जन्म 1 जून 1969 को रुड़की के रामपुर गांव में हुआ था. फुरकान अहमद ने रामपुर गांव से ही अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी. विधायक फुरकान अहमद 10वीं पास हैं. फुरकान अहमद के पिता मोहम्मद हसन लगातार पांच बार रामपुर गांव के प्रधान बने.

फुरकान अहमद पहली बार साल 1990 में गांव के उप प्रधान चुने गए. 1995 में इनकी पत्नी ने प्रधान पद का चुनाव जीता और लगातार तीन बार प्रधान चुनी गईं. 2006 से 2009 तक फुरकान अहमद मंडी समिति रुड़की के निदेशक पद पर रहे और 2009 में जिला सहकारी बैंक के निदेशक बने.
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फुरकान अहमद ने 1996 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर पहली बार रुड़की विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था और 47500 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे. 2007 में भी रुड़की विधानसभा सीट से फुरकान अहमद कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे लेकिन तब भी उनको दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा. 2012 में पिरान कलियर विधानसभा सीट से विधायक बने और 2017 में भी सीट बचाए रखी.
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विधायक फुरकान ने अपने विधानसभा क्षेत्र के रामपुर और भंवरी गांव राजकीय कन्या इंटर कॉलेज, मगरूमपुर में राजकीय डिग्री कॉलेज, पिरान कलियर और दौलतपुर गांव में राजकीय इंटर कॉलेज की स्थापना कराई है. विधायक का दावा है कि पिरान कलियर में एक यूनानी मेडिकल कॉलेज का निर्माण भी प्रस्तावित है. विधायक पुल निर्माण के अलावा अस्पताल के लिए 1 करोड़ 80 लाख और चार वाटर टैंक के निर्माण के लिए करीब 20 करोड़ रुपये पारित कराए जाने की जानकारी देते हैं.