उत्तराखंड के देहरादून जिले की एक विधानसभा सीट है डोईवाला विधानसभा सीट. देहरादून जिले की डोईवाला विधानसभा सीट सामान्य सीट है. डोईवाला विधानसभा सीट भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिए कितनी महत्वपूर्ण है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस इलाके के लिए विकास की कई घोषणाएं की थीं.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
डोईवाला विधानसभा सीट साल 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी. डोईवाला विधानसभा सीट के लिए पहली दफे साल 2012 में विधानसभा चुनाव हुए थे. 2012 के चुनाव में डोईवाला के मतदाताओं ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के टिकट पर उतरे पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को जीताकर विधानसभा भेजा था.
डोईवाला विधानसभा सीट से विधायक रमेश पोखरियाल निशंक 2014 में लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद निर्वाचित हो गए. लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद निशंक ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और इस सीट के लिए उपचुनाव हुए. उपचुनाव में बीजेपी ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को उम्मीदवार बनाया. बीजेपी के त्रिवेंद्र को कांग्रेस के हीरा सिंह बिष्ट ने पराजित कर दिया.
2017 का जनादेश
डोईवाला विधानसभा सीट से साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी से त्रिवेंद्र सिंह रावत चुनाव मैदान में थे. कांग्रेस की ओर से हीरा सिंह बिष्ट उनके सामने थे. डोईवाला विधानसभा सीट से 2017 के चुनाव में मतदाताओं ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को विजयी बनाकर विधानसभा भेजा. बीजेपी की सरकार बनी और त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री बने.
सामाजिक ताना-बाना
डोईवाला विधानसभा सीट के सामाजिक ताना-बाना की बात करें तो यहां हर जाति-वर्ग के लोग रहते हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में एक लाख से अधिक मतदाता हैं. डोईवाला विधानसभा क्षेत्र में सामान्य के साथ ही अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाता भी अच्छी तादाद में हैं. अनुसूचित जाति और जनजाति के मतदाता भी इस सीट का चुनाव परिणाम निर्धारित करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
डोईवाला विधानसभा सीट से विधायक बीजेपी के त्रिवेंद्र सिंह रावत का दावा है कि उनके कार्यकाल के दौरान इस विधानसभा क्षेत्र का चहुंमुखी विकास हुआ है. त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री रहते इस इलाके को करीब 150 परियोजनाओं की सौगात दी थी. बीजेपी के नेताओं का दावा है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री रहते जिन परियोजनाओं की शुरुआत हुई थी, उनमें से करीब 80 फीसदी पूरी हो गई हैं. दूसरी तरफ, विपक्षी नेता विधायक के दावे को सिरे से खारिज कर रहे हैं.