उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर उठ रहे सवालों पर ये कहकर विराम लगा दिया है कि इस पर फैसला समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव लेंगे.
अखिलेश ने वैसे तो महागठबंधन को लेकर कुछ भी खुल कर नहीं कहा वह सोमवार को भी इस मुद्दे पर गोल-मोल बातचीत करते नजर आए. उन्होंने कहा कि महागठबंधन को लेकर पार्टी फोरम में चर्चा होनी चाहिए. मुख्यमंत्री अखिलेश ने कहा इस बारे में उनकी नेताजी से बात हुई है और जो भी उनके विचार हैं वह पार्टी फोरम पर रखेंगे.
अखिलेश ने इससे पहले कहा था कि उन्हें अपने विकास कार्यों भरोसा जताते हुए कहा कि जनता उन्हें दोबारा सत्ता में लेकर आएगी. लेकिन जिस तरह से रजत जयंती समारोह के दौरान पुराने जतना पार्टी के नेताओं ने बीजेपी को रोकने के लिए एक साथ आने की बात कही, उससे कहीं न कहीं अखिलेश भी दुविधा में पड़ गए हैं.
गठबंधन करना है तो कौन रोक सकता है
लेकिन समाजवादी पार्टी के सीनियर नेताओं को लगता है कि अगर बीजेपी को रोकना है तो गठबंधन करना जरुरी है. हालांकि अखिलेश ने यह भी कहा कि अगर सपा और कांग्रेस गठबंधन करना चाहती है तो कौन रोक लेगा. लेकिन नफा और नुकसान का आंकलन जरुरी है.
अखिलेश को बनाना चाहते हैं यूपी का चेहरा
गौरतलब हो कि सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी ने तय कर लिया है कि वह अखिलेश का साथ देने के लिए तैयार हैं. सम्मानजनक सीटें यानी 125 से 150 के बीच लेने को तैयार हैं. लेकिन बिहार में नीतीश की तरह अखिलेश यादव ही चेहरा बने और जनता में संदेश जाए कि समाजवादी पार्टी ही नहीं महा गठबंधन में सब कुछ अखिलेश होंगे.