रायबरेली के सलोन में आज राहुल की रैली है और उसके पहले सपा-कांग्रेस गठबंधन के लिए एक अच्छी खबर आई है. रायबरेली की सलोन सीट से सपा प्रत्याशी आशा किशोर ने अपना नामांकन वापस ले लिया. हालांकि, अमेठी-रायबरेली की कुछ सीटों पर अब भी दोनों पार्टियों के बीच पेच बरकरार है और कई प्रत्याशियों को फ्रेंडली फाइट करनी पड़ रही है. आज अखिलेश रायबरेली की ऊंचाहार सीट में रैली करने जा रहे हैं, जहां सपा से मनोज पांडेय मैदान में हैं और कांग्रेस के टिकट पर पूर्व विधायक अजयपाल सिंह लड़ रहे हैं.
फ्रेंडली फाइट वाली सीटों में से सबसे प्रमुख है, अमेठी की सीट जहां से सपा ने गायत्री प्रजापति को पहले से टिकट दे रखा है. तो दूसरी तरफ, कांग्रेस के प्रचार कमेटी के अध्यक्ष संजय सिंह की पत्नी अमिता सिंह वहां से कांग्रेस के टिकट पर मैदान में हैं. अखिलेश की साफ छवि की दलील देते हुए संजय सिंह ने अखिलेश से अनुरोध किया था कि वे गायत्री प्रजापति जैसे दागदार और भ्रष्ट व्यक्ति को टिकट ना दें. अमिता सिंह संजय सिंह की दूसरी पत्नी हैं. बीजेपी ने संजय सिंह की पहली पत्नी गरिमा सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं गौरीगंज विधान सभा से सपा उम्मीदवार राकेश प्रताप सिंह ने निर्दल पर्चा दाखिला किया था, लेकिन बाद में उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया.
रायबरेली की सरेनी सीट भी मुसीबत का सबब बनी हैं. यहां सपा-कांग्रेस के प्रत्याशी आमने-सामने हैं. कांग्रेस ने अमेठी-रायबरेली की सभी 10 सीटों पर चुनाव लड़ना तय किया था, जबकि समाजवादी पार्टी ने समझौते के तहत उसे महज चार सीटें ऑफर की थीं. पिछले बुधवार को मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह ने सरेनी में सपा प्रत्याशी देवेंद्र प्रताप सिंह के समर्थन में रैली की थी. रायबरेली में 23 फरवरी को जबकि अमेठी में 27 फरवरी को वोटिंग है.