सपा से सीधी टक्कर का दावा करने वाली बीजेपी इन दिनों टिकट बंटवारे के बाद पार्टी में उठे विवाद को निपटाने में लगी हुई है. यही वजह है कि वह अपने चुनाव अभियान को भी स्लो कर रही है. बीजेपी की पहली प्राथमिकता अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं को शांत कर चुनाव तैयारियों में लगाने की. दरअसल पिछले कुछ महीनों में बीजेपी ने राज्य की विभिन्न राजनैतिक दलों के नेता तोड़े हैं और हाल ही में टिकट बंटवारे के वक्त अपने नेताओं की अपेक्षा दलबदलुओं को तरजीह दी.
लंबे समय से पार्टी में सत्ता वापसी की बांट जोह रहे नेताओं के लिए पार्टी का यह कदम आश्चर्यजनक था. इसी वजह से अधिकतर नेता बागी हो गए. कई नेता निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं तो कुछ दूसरे दलों में उम्मीद की किरण तलाश रहे हैं.
यही वजह है कि बीजेपी अभी यहां जब तक सबकुछ शांत करे पार्टी ने अपना प्रचार अभियान पंजाब और गोवा पर फोकस कर दिया है. अभी हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पंजाब में रैली की और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. मीडिया रिपोर्ट्रस के मुताबिक मोदी अब 4 फरवरी से यूपी में चुनावी अभियान की शुरुआत कर सकते हैं.
पहले चरण के चुनावों पर होगा फोकस
मोदी 4 फरवरी को पश्चिमी यूपी के मेरठ से चुनावी अभियान की शुरुआत कर रहे हैं. इसके बाद बीजेपी अपने चुनाव अभियान में तेजी लाएगी और अपने स्टार प्रचारकों को मैदान में उतारेगी. ताजा जानकारी के मुताबिक मोदी शुरुआती दो चरणों के लिए कुल चार रैलियां करेंगे. मोदी मेरठ के बाद 7 फरवरी को अलीगढ़ में रैली को संबोधित करेंगे. इसके बाद उनकी अगली रैली 10 फरवरी को बिजनौर में और 12 फरवरी को पीलीभीत में होगी. माना जा रहा है कि बीजेपी हर चरण में मोदी की कम से कम दो रैलियां करवाने का प्लान कर रही है.
आपको याद दिला दें कि यूपी में कुल सात चरणों में चुनाव होने हैं. अगर हर चरण में दो रैली का मानक रखें तो उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में मोदी की कुल 14 रैलियां हो सकती हैं. आपको यह भी बता दें कि चुनावों की घोषणा से पहले 'परिवर्तन यात्रा' के दौरान मोदी की सात रैलियां हो चुकी हैं.