UP Assembly Elections से पहले टिकट न मिलने से नाराज नेताओं के रुझान आने शुरू हो गए हैं. उत्तर प्रदेश की बाराबंकी जनपद के हैदरगढ़ से वर्तमान विधायक 67 साल के बैजनाथ रावत ने उनका टिकट काटने पर सवाल उठाए हैं. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखे 2 पन्नों के पत्र में रावत ने 20 सवाल पूछे हैं. अपने पत्र में रावत ने कहा है कि पार्टी को उनका टिकट काटने के पीछे की वजह बतानी चाहिए.
हैदरगढ़ विधायक बैजनाथ रावत ने पार्टी पर उनके साथ पक्षपात करने का भी आरोप लगाया. रावत ने अपने पत्र में लिखा कि इस बार अयोध्या मंडल के वर्तमान विधायकों और 2017 में चुनाव हारने वाले प्रत्याशियों को भी टिकट दिया गया. फिर वजह बताए बिना उनका टिकट क्यों काट दिया गया? बता दें कि रावत इस इलाके से 3 बार विधायक और 1 बार सांसद रह चुके हैं. हैदरगढ़ में पांचवे चरण के दौरान 27 फरवरी को मतदान होना है.
क्या मुझे इन 20 कामों की सजा मिली: रावत
1. मैंने ईमानदारी से काम किया, रिश्वत नहीं ली.
2. क्या अयोध्या मंडल के 5-6 जनपदों में मैं ही भ्रष्ट विधायक था?
3. क्या दलित समाज से आता हूं इसलिए?
4. क्या मैं इकलौता विधायक था, जिसका स्थानीय स्तर पर विरोध हुआ?
5. क्या 5 सालों में किसी सवर्ण पर कोई हरिजन एक्ट नहीं लगाया इसलिए?
6. 5 सालों में किसी दलित या पिछड़े का उत्पीड़न नहीं होने दिया.
7. पक्ष-विपक्ष में भेद न करके सबका-साथ सबका-विकास किया.
8. किसी ने सोशल मीडिया पर मेरे खिलाफ कुछ लिखा तो कार्यकर्ता समझकर उसे छोड़ दिया.
9. दलगत भावना से ऊपर उठकर सबके लिए काम किया.
10. जात-पात से ऊपर उठकर सबके सुख-दुख में शामिल रहा.
11. पार्टी के अंदर गुटबाजी नहीं की.
12. मैंने 2017 में 33 हजार वोट से जीत दर्ज की. वर्तमान सांसद को 45 हजार वोटों से जीत दिलाई.
13. पिछले साल हुए जिला पंचायत चुनाव में बागियों को मनाया.
14. भाजपा प्रत्याशी के विरोध को रोका.
15. पूर्व सांसद ने मेरे नाम का समर्थन किया.
16. क्या पार्टी का सर्वे मेरे खिलाफ था?
17. जिन दिनेश रावत को टिकट दिया गया, वह 6 महीने पहले समाजवादी पार्टी से भाजपा में आए हैं.
18. जिन्हें टिकट दिया गया है, उनकी पत्नी ब्लॉक प्रमुख हैं. क्या यह परिवार वाद नहीं है.
19. 1980 से पार्टी का संस्थापक सदस्य हूं. मेरी जगह जिसे टिकट दिया गया उसका क्या योगदान है.
20. एमए, एलएलबी और बीटीसी कर चुका हूं. मेरी शैक्षणिक योग्यता वर्तमान प्रत्याशी से ज्यादा है.