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UP Election: थानाभवन के 40 बूथों पर पुनर्मतदान की याचिका खारिज, सुरेश राणा ने की थी मांग

शामली के थानाभवन विधानसभा सीट के 40 बूथों पर पुनर्मतदान की मांग को जिला निर्वाचन आयोग ने खारिज कर दिया है. योगी सरकार के मंत्री और थानाभवन विधानसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी सुरेश राणा ने पुनर्मतदान की मांग की थी. उन्होंने इन बूथों पर फर्जी मतदान का आरोप लगाया था.

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थानाभवन विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी सुरेश राणा. -फाइल फोटो
थानाभवन विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी सुरेश राणा. -फाइल फोटो
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भाजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं सुरेश राणा
  • यूपी सरकार में गन्ना मंत्री हैं सुरेश राणा

उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा की थानाभवन सीट के 40 बूथों पर पुनर्मतदान की याचिका खारिज हो गई है. जिला निर्वाचन अधिकारी शामली ने कैबिनेट मिनिस्टर की मांग को खारिज करते हुए कहा कि जिले में पुनर्मतदान की कहीं कोई गुंजाइश नहीं है. जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि सभी बूथों पर सुचारू रूप से शांतिपूर्ण ढंग से मतदान हुआ है, इसलिए पुनर्मतदान की कोई संभावना नहीं है. बता दें कि 10 फरवरी को यूपी में पहले चरण के तहत थानाभवन विधानसभा सीट समेत 58 सीटों पर मतदान हुआ था.

शामली जिला निर्वाचन अधिकारी जसजीत कौर की ओर से कहा गया है कि केंद्रीय मंत्री सुरेश राणा ने आरओ थानाभवन को एक प्रार्थना पत्र दिया था. पत्र में कहा गया था कि 10 फरवरी को विधानसभा के 40 बूथों पर पुनर्मतदान कराई जाए. जसजीत कौर ने कहा कि मतदान पूरे जिले में बिलकुल शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और नियम के अनुसार संपन्न हुआ है. खुद सुरेश राणा ने पूरे मतदान प्रक्रिया को सही पाया था. अब पुनर्मतदान की कोई गुंजाइश नहीं है और न ही आवश्यकता है.

भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं सुरेश राणा

बताया जा रहा है कि जिन 40 बूथों पर सुरेश राणा पुनर्मतदान की मांग कर रहे हैं वे सभी मुस्लिम बाहुल्य इलाके वाले हैं. सुरेश राणा का आरोप है कि इन 40 बूथों पर आरएलडी और सपा के कार्यकर्ताओं ने फर्जी मतदान कराया है. थाना भवन विधानसभा सीट से यूपी सरकार में मंत्री सुरेश कुमार राणा विधायक हैं. लगातार दो बार से विधायक सुरेश कुमार राणा इस बार भी भाजपा के कट पर चुनावी मैदान में हैं. 

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यूपी की 58 विधानसभा सीटों पर 60.17 फीसदी मतदान हुआ. सबसे ज्यादा मतदान कैराना (75.12) में और सबसे कम साहिबाबाद (45%) में हुआ है. गौरतलब है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में पहले चरण में 73 सीटों पर 64.22 प्रतिशत मतदान हुआ था. यानी पिछले विधान सभा चुनावों के मुकाबले 2.88 फीसदी की कमी दर्ज की गई.

 

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