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UP: दंगा करने वाले SP में, दंगाइयों को पकड़ने वाले BJP में आते हैं, असीम अरुण की ज्वाइनिंग पर बोले केंद्रीय मंत्री

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि अरुण युवाओं के लिए एक प्रेरणा हैं. एक ऐसा चेहरा हैं जो अनुभवी भी है, युवा भी है. करियर के दौरान एक भी दाग जिनके ऊपर नहीं लगा हो, जिनकी पहचान ही ईमानदारी हो, ऐसे युवा अपना लंबा करियर छोड़कर भाजपा में आ रहे हैं.

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अनुराग ठाकुर. -फाइल फोटो
अनुराग ठाकुर. -फाइल फोटो
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अनुराग ने कहा- जेल और बेल सपा का खेल है
  • सपा का एक नेता जेल तो एक बेल पर रहता है: ठाकुर

कानपुर के पुलिस कमिश्नर रहे असीम अरुण भाजपा में शामिल हो गए. इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि दंगा करने वाले समाजवादी पार्टी में जबकि दंगाइयों को पकड़ने वाले भारतीय जनता पार्टी में आते हैं. उन्होंने कहा कि जेल और बेल सपा का खेल है. उनके एक विधायक जेल में तो एक बेल पर रहते हैं. 

अनुराग ठाकुर ने कहा कि अरुण युवाओं के लिए एक प्रेरणा हैं. एक ऐसा चेहरा हैं जो अनुभवी भी है, युवा भी है. करियर के दौरान एक भी दाग जिनके ऊपर नहीं लगा हो, जिनकी पहचान ही ईमानदारी हो, ऐसे युवा अपना लंबा करियर छोड़कर भाजपा में आ रहे हैं. ठाकुर ने कहा कि असीम अरुण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं से प्रेरणा लेकर यहां आए हैं. योगी राज में माफिया पर कार्रवाई होने पर यहां आए हैं. 

स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि परिवार को इच्छा रहती है कि मेरा बेटा अधिकारी बने और समाज की सेवा करे. एक ईमानदार छवि दलित, शोषित, वंचितों के न्याय के लिए, उनके सम्मान के लिए, उनका शोषण न हो ऐसे असीम अरुण के पिता ने यूपी डीजीपी की तरह अपना जीवन व्यतीत किया. आज इसी रास्ते पर असीम अरुण पहुंचे हैं क्योंकि बीजेपी ने एक ईमानदार अधिकारी को चयन किया. उन्होंने मुझसे कहा कि हिंदुस्तान के अंदर भाजपा ही एक ऐसी पार्टी है जो राजनीतिक पार्टी होते हुए भी राजनीति नहीं करती है. स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि अरुण जब एटीएस के प्रभारी थे तब उन्होंने 45 नक्सलियों को गिरफ्तार किया था.

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कभी भाजपा कार्यालय से किसी को छोड़ने या ढिलाई के लिए फोन नहीं आया

असीम अरुण ने कहा कि मैं पार्टी के विचारों से जुड़कर आ रहा हूं. योगी राज में एक भी गुंडे के लिए मेरे पास भाजपा कार्यालय से फोन नहीं आया. मै प्रसन्न हूं, संतुष्ट हूं, लोकसेवा का मौका मिला है. यह एक ईश्वरीय संरचना है कि एक पुलिस वाले के बारे में एक शीर्ष नेतृत्व कल्पना करे. अरुण ने कहा कि राजनीति में आने का निर्णय आसान नहीं था. इस बारे में परिवार वालों से बात की कि एक तरफ नौकरी है तो दूसरी तरफ लोक सेवा करने का मौका है. मेरा प्रयास रहेगा कि जो मौका मुझे मिला है, मैं उसके अनुसार काम करुं. 

उन्होंने कहा कि कभी किसी को छोड़ने, ढिलाई देने के लिए भाजपा कार्यालय या किसी नेता, मंत्री का फोन नहीं आया. मैं एटीएस प्रमुख था, तब मैंने बहुत अपराधियों को गिरफ्तार किया. मैं गांव से जुड़ा हूं और मेरा परिवार लगातार अपने गांव में सामाजिक कार्य करता है. उन्होंने कहा कि वंचित, दलित सम्मान के लिए अभी बहुत सारा काम बचा है. अगर मेरा योगदान उसमें होगा तो मैं खुद को सौभाग्यशाली समझूंगा. 

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