उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए आज (27 फरवरी) 5वें चरण की वोटिंग हो रही है. इस बीच समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी और दस्यु सम्राट ददुआ के बेटे वीर सिंह पटेल का बयान आया है. उन्होंने कहा कि मेरे पिता डाकू थे, इसमें मेरी क्या गलती थी? मैं 2005 से लोगों के हित में काम कर रहा हूं. हमारी सरकार आएगी तो हम यहां के आदिवासी को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के लिए केंद्र से मांग करेंगे.
आगे वीर सिंह पटेल ने कहा कि जिस जाति को मध्य प्रदेश में अनुसूचित जनजाति में माना जाता है, उनको यूपी में वंचित किया गया है. किसी के नाम पर नहीं, इस बार बेरोजगारी और किसान के मुद्दे पर जनता वोट डाल रही है. बता दें कि उत्तर प्रदेश के चित्रकूट, बुंदेलखंड क्षेत्र के साथ ही मध्य प्रदेश के विंध्य इलाके में शिवकुमार पटेल उर्फ ददुआ ने तीन दशकों तक राज किया था.
वीर सिंह को समाजवादी पार्टी ने चित्रकूट जिले के मानिकपुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है. कुछ दिनों पहले उन्होंने यहां से चुनाव लड़ने से साफ मना कर दिया था. उनकी तैयारी चित्रकूट विधानसभा सीट को लेकर थी. हालांकि बाद में वो मानिकपुर से सीट से लड़ने की तैयार हो गए. वीर सिंह पटेल 2012 के चुनाव में सपा के टिकट पर जीतकर विधायक बने थे, लेकिन 2017 के चुनाव में बीजेपी से मात खा गए थे. वीर सिंह 2012 में चित्रकूट सीट से जीत दर्ज की थी.
वैसे ददुआ को मरे हुए 14 साल गुजर गए हैं, लेकिन चित्रकूट और बांदा इलाके में आज भी उसके नाम पर सियासत खत्म नहीं हो सकी. ददुआ भले ही डकैत रहा हो, लेकिन बुंदेलखंड के कुर्मी समाज में उसकी छवि का असर था. इसी समीकरण को देखते हुए समाजवादी पार्टी ने ददुआ के बेटे वीर सिंह पटेल को मानिकपुर विधानसभा सीट से टिकट दिया है.
5वें चरण में इन दिग्गजों की किस्मत दांव पर
पांचवें चरण के मतदान में जिन बड़े चेहरों की किस्मत दांव पर है, उनमें यूपी सरकार के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, योगी सरकार में मंत्री मोती सिंह, नंद गोपाल गुप्ता नंदी, सिद्धार्थ नाथ सिंह, रमापति शास्त्री, चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय की किस्मत दांव पर है. कांग्रेस की आराधना मिश्रा मोना और जनसत्ता दल के अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के साथ ही अपना दल (कमेरावादी) की अध्यक्ष कृष्णा पटेल की किस्मत का फैसला भी इसी चरण में होना है.