उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले की एक विधानसभा सीट है श्रीनगर विधानसभा सीट. लखीमपुर खीरी जिले की श्रीनगर विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है. श्रीनगर विधानसभा सीट के लिए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में 23 फरवरी को मतदान होना है. उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव सात चरणों में संपन्न होने हैं.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
श्रीनगर विधानसभा सीट के चुनावी अतीत की बात करें तो ये सीट साल 2007 के विधानसभा चुनाव तक सामान्य सीट हुआ करती थी. साल 2008 के परिसीमन के बाद ये सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गई. इस सीट के आरक्षित होने से पहले साल 1977 में राज बृजराज सिंह और 1980 में उपेंद्र बहादुर सिंह उर्फ सुत्तन भैया विधायक निर्वाचित हुए थे.
श्रीनगर विधानसभा सीट से 1985 और 1989 में कांग्रेस के कमाल अहमद रिजवी, 1991 में ताज नारायण त्रिवेदी, 1993 में कुंवर धीरेंद्र बहादुर सिंह इस सीट से जीते तो वहीं इसके बाद 1996 और 2002 में इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का कब्जा रहा. 2007 में समाजवादी पार्टी (सपा) के आरए उस्मानी विधायक निर्वाचित हुए. इसके बाद ये सीट आरक्षित हो गई. श्रीनगर सुरक्षित सीट से 2012 में सपा के रामरन जीते थे.
2017 का जनादेश
श्रीनगर विधानसभा सीट से साल 2017 के चुनाव में सपा ने निवर्तमान विधायक रामसरन का टिकट काट दिया था. सपा ने मीरा बानो को चुनाव मैदान में उतारा. सपा की मीरा बानो के सामने बीजेपी की मंजू त्यागी की चुनौती थी. बीजेपी की मंजू त्यागी ने सपा की मीरा को 54939 वोट के बड़े अंतर से शिकस्त दी. बसपा के प्रवीण कुमार तीसरे स्थान पर रहे थे.
सामाजिक ताना-बाना
श्रीनगर विधानसभा सीट के जातिगत समीकरणों की चर्चा करें तो यहां हर जाति-वर्ग के लोग रहते हैं. श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र में दलित वर्ग के मतदाताओं की तादाद अधिक है. इस विधानसभा सीट की गिनती दलित बाहुल्य सीट के रूप में होती है. इस सीट का चुनाव परिणाम तय करने में ब्राह्मण, राजपूत, वैश्य मतदाता भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
श्रीनगर विधानसभा सीट से विधायक बीजेपी की मंजू त्यागी का दावा है कि उनके कार्यकाल में इलाके का चहुंमुखी विकास हुआ है. मंजू त्यागी के दावे को विपक्षी दलों के नेता हवा-हवाई बता रहे हैं. बीजेपी ने इस दफे भी मंजू त्यागी को ही उम्मीदवार बनाया है. सपा ने भी इस बार 2012 में विधायक रहे रामसरन पर दांव लगाया है.