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शिवपाल यादव बोले- BJP को रोकने के लिए अखिलेश यादव का साथ देना जरूरी, मैंने वही किया

प्रसपा मुखिया शिवपाल यादव ने हाल ही में अपना दर्द बयां करते हुए कहा था कि उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से अपनी पार्टी के लिए 100 सीटें मांगी थीं, लेकिन मिली सिर्फ एक सीट. 

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शिवपाल यादव इटावा जनपद की जसवंतनगर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. (फाइल फोटो)
शिवपाल यादव इटावा जनपद की जसवंतनगर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अपर्णा यादव के जाने से कोई नुकसान नहीं: शिवपाल
  • शिवपाल ने कहा कि अखिलेश संग बहुत जल्द मंच पर आएंगे

उत्तर प्रदेश के सियासी घमासान के बीच प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के मुखिया शिवपाल यादव अपने चुनावी क्षेत्र जसवंतनगर  प्रचार करने पहुंचे. इस दौरान शिवपाल ने कहा कि बीजेपी को रोकने के लिए अखिलेश यादव का साथ देना जरूरी है और मैंने वही किया. उन्हानें अफवाहों को विराम देते हुए साफ किया कि वह सीटों के बंटवारे से संतुष्ट हैं. 

जसवंतनगर सीट से सपा के चुनाव चिह्न साइकिल पर लड़ रहे शिवपाल यादव ने कहा कि बीजेपी से लड़ना बड़ी लड़ाई है, इसीलिए एक सीट पर चुनाव जसवंतनगर से लड़ रहा हूं. बीजेपी से लड़ाई लड़ने के लिए मैंने अपनी पार्टी की कुर्बानी दी है और गठबंधन में एक सीट पर राजी हो गया हूं. बता दें कि पिछले दिनों चुनाव प्रचार के दौरान प्रसपा मुखिया ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा था कि उन्होंने सपा अध्यक्ष से अपनी पार्टी के लिए 100 सीटें मांगी थीं, लेकिन मिली सिर्फ एक. फिर भी उन्होंने अखिलेश को ही नेता मान लिया है.  

अखिलेश ही हमारा चेहरा

सपा मुखिया अखिलेश यादव के साथ चुनाव प्रचार को लेकर कहा कि बहुत जल्द ही मंच साझा करेंगे और उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करेंगे. उन्होंने साफ किया कि चाचा-भतीजे के बीच कोई अलगाव नहीं है. 2022 में पार्टी का चेहरा अखिलेश ही हैं. 

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20 फरवरी को जसवंतनगर सीट पर मतदान

बता दें कि कभी सपा के बड़े चेहरे शिवपाल यादव अपने भतीजे अखिलेश यादव से मनमुटाव के बाद ही पार्टी से अलग हो गए थे. लेकिन विधानसभा चुनाव 2022 से पहले दोनों में गठबंधन हुआ है. इटावा जनपद की जसवंतनगर विधानसभा सीट से शिवपाल यादव चुनाव लड़ रहे हैं. उधर, जसवंतनगर सीट पर कांग्रेस ने तो अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है, लेकिन शिवपाल भारतीय जनता पार्टी और बसपा के प्रत्यशी से घिरे हुए हैं. तीसरे चरण के चुनाव में 20 फरवरी को इटावा जनपद की इस सीट पर मतदान होगा.  

अपर्णा कभी समाजवादी नहीं रहीं

सपा संरक्षक मुलायम सिंह की छोटी बहू अपर्णा यादव को लेकर कहा, वह कभी समाजवादी नहीं रहीं. उनके जाने से पार्टी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. हमारा परिवार धर्मनिरपेक्षता की लड़ाई लड़ रहा है. बता दें कि अपर्णा यादव हाल ही में सपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गई हैं. 

7 चरणों में वोटिंग

उत्तर प्रदेश की कुल 403 पर सात चरणों में मतदान होना है. इन चरणों के तहत 10 फरवरी, 14 फरवरी, 20 फरवरी, 23 फरवरी, 27 फरवरी, 3 मार्च और 7 मार्च को मतदान होगा. नतीजे 10 मार्च को बाकी राज्य (पंजाब, मणिपुर, उत्तराखंड और गोवा) के साथ आएंगे.  

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