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UP Elections 2022: क्या राज बब्बर करेंगे 'घर' वापसी? सपा प्रवक्ता की पोस्ट से लगीं अटकलें

राज बब्बर ने अपना सियासी सफर जनता दल से शुरू किया था, लेकिन सियासी बुलंदी सपा में जाने के बाद मिली. 2006 में राज बब्बर ने सपा को अलविदा कह दिया था और कांग्रेस में शामिल हो गए थे. ऐसे में अब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की सियासी सरगर्मियों के बीच राज बब्बर के सपा में शामिल होने की चर्चाएं तेज हैं.

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अखिलेश यादव, राहुल गांधी, राज बब्बर
अखिलेश यादव, राहुल गांधी, राज बब्बर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • राज बब्बर ने जनता दल से सियासत शुरू की थी
  • फिरोजबाद सीट पर डिंपल को राज बब्बर ने हराया था
  • सपा से पहली बार राज्यसभा सदस्य बने थे राज बब्बर

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की सियासी सरगर्मियों के बीच कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़ने का सिलसिला जारी है. यूपीए सरकार में मंत्री रहे आरपीएन सिंह के बीजेपी में शामिल होने के बाद पूर्व सांसद राकेश सचान ने भी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया है. अब कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर के भी घर वापसी की चर्चाएं तेज हैं, क्योंकि सपा के प्रवक्ता ने इसके संकेत दिए हैं. 

सपा के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने कू पर इशारा करते हुए लिखा, 'कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, पूर्व समाजवादी नेता, अभिनेता जल्दी ही समाजवादी होंगे.'

सपा प्रवक्ता ने जो तीन इशारे किए हैं वे सभी राज बब्बर की ओर संकेत कर रहे हैं. ऐसे में राज बब्बर के सपा में शामिल होने की सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं, क्योंकि कांग्रेस में 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद से ही वह साइडलाइन चल रहे हैं. 

 

ये बोले अखिलेश यादव

इस बारे में द लल्लनटॉप को दिए इंटरव्यू में जब अखिलेश यादव से पूछा गया तो उन्होंने सीधे-सीधे कोई जवाब नहीं दिया, मगर कहा कि राज बब्बर जी समाजवादी पार्टी में रहे हैं. अगर कोई फैसला होगा तो हम लोग छुपा नहीं पाएंगे. और कोई अगर किसी पार्टी में जा रहा होगा तो कोई रोक नहीं सकता किसी को.

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उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की कमान जब से प्रियंका गांधी ने अपने हाथों में ली है, तब से राज बब्बर सक्रिय नहीं हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद ही राज बब्बर ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद से वह कांग्रेस के किसी भी कार्यक्रम में नजर नहीं आए हैं. कांग्रेस के जी-23 नेताओं में राज बब्बर का भी नाम है.

जनता दल से शुरू हुआ था राज बब्बर का नेता बनने का सफर

फिल्म अभिनेता से नेता बने राज बब्बर ने अपने सफर की शुरुआत जनता दल से की थी. 5 साल तक जनता दल के साथ रहने के बाद वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे. 1994 में सपा ने उन्हें राज्यसभा भेजा तो 2004 में सपा के टिकट पर ही जीतकर पहली बार लोकसभा पहुंचे. सपा में अमर सिंह का सियासी प्रभाव बढ़ने के बाद 2006 में उन्होंने सपा से नाता तोड़ लिया और पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह के साथ मिलकर जनमोर्चा का गठन किया. 

सपा छोड़ने के करीब दो साल बाद राज बब्बर ने साल 2008 में कांग्रेस का दामन थाम लिया था. सपा प्रमुख अखिलेश यादव 2009 में कन्नौज और फिरोजाबाद सीट से सांसद चुने गए, जिसके बाद उन्होंने फिरोजाबाद सीट छोड़ दी. 2009 लोकसभा उपचुनाव में सपा के टिकट पर अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव उतरी तो कांग्रेस ने उनके खिलाफ राज बब्बर को उतारा.

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राज बब्बर ने फिरोजबाद सीट से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को हरा दिया था. सपा के लिए ये बड़ा झटका था. राज बब्बर का सियासी कद बढ़ा. वहीं, 2014 में कांग्रेस ने उन्हें गाजियाबाद सीट से जनरल वीके सिंह के खिलाफ उतारा, लेकिन राज बब्बर को हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद कांग्रेस ने राज बब्बर को उत्तराखंड से राज्य सभा भेज दिया.

राज्यसभा सदस्य बनने के बाद राज बब्बर को साल 2016 में उत्तर प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंप दी गई. बब्बर की अगुवाई में 2017 के चुनाव में हार मिली और फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को करारी मात खानी पड़ी. राज बब्बर यूपी के टुंडला के रहने वाले हैं और सपा में रहते हुए उन्होंने अपनी मजबूत पकड़ बनाई थी. लेकिन, कांग्रेस में उसे वो बरकरार नहीं रख सके. ऐसे में माना जा रहा है कि वो एक बार फिर से घर वापसी कर सकते हैं? 

 

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