यूपी के प्रतापगढ़ जिले को आंवला नगरी भी कहा जाता है. यहां आंवले का उत्पादन काफी अधिक होता है. प्रयागराज से सटे प्रतापगढ़ जिले में जिला मुख्यालय की सीट है सदर विधानसभा सीट. प्रतापगढ़ सदर विधानसभा सीट के मतदाताओं ने लगभग हर बड़े दल के उम्मीदवारों को विजयी बनाकर विधानसभा में अपने प्रतिनिधित्व का मौका दिया है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
प्रतापगढ़ सदर विधानसभा सीट की राजनीतिक पृष्ठभूमि की बात करें तो ये सीट साल 1977 में अस्तित्व में आई थी. 1977 से 2017 तक के चुनावी अतीत की बात करें तो सबसे अधिक दफे विधानसभा में इस सीट का प्रतिनिधित्व संगम लाल ने किया है. प्रतापगढ़ सदर विधानसभा सीट से 1977 और 1989 में जनता दल के संगम लाल, 1980 और 1985 में कांग्रेस के लाल प्रताप सिंह, 1991 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बृजेश कुमार शर्मा विधायक निर्वाचित हुए.
प्रतापगढ़ सदर विधानसभा सीट से 1996 में समाजवादी पार्टी (सपा) के चंद्रनाथ सिंह, 2002 में बीजेपी के हरिप्रताप सिंह चुनाव जीते. 2007 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के संजय कपूर और 2012 में सपा के नागेंद्र सिंह प्रतापगढ़ सदर विधानसभा सीट से विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए. 2012 में सपा के नागेंद्र ने बसपा के संजय कपूर को मात दी थी.
2017 का जनादेश
प्रतापगढ़ सदर विधानसभा सीट से साल 2017 के चुनाव में बीजेपी की गठबंधन सहयोगी अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल सोनेलाल ने उम्मीदवार उतारा. अपना दल के टिकट पर उतरे संगम लाल चुनावी बाजी जीतकर विधानसभा पहुंचे. संगम लाल 2019 में लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए तब विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. संगम लाल के इस्तीफे से रिक्त हुई सीट पर हुए उपचुनाव में अपना दल के ही राजकुमार पाल विजयी रहे.
सामाजिक ताना-बाना
प्रतापगढ़ सदर विधानसभा सीट के सामाजिक ताने-बाने की बात करें तो यहां वर्मा और मुस्लिम मतदाता अच्छी तादाद में हैं. अन्य पिछड़ी जातियों के साथ ही अनुसूचित जाति और जनजाति के मतदाता भी प्रतापगढ़ सदर विधानसभा सीट का चुनाव परिणाम निर्धारित करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
प्रतापगढ़ सदर विधानसभा सीट से विधायक अपना दल के राजकुमार पाल का दावा है कि उनके कार्यकाल में क्षेत्र का चहुंमुखी विकास हुआ है. उनका दावा है कि अल्प कार्यकाल के दौरान उनका जोर बुनियादी ढांचागत विकास पर रहा है. विपक्षी दलों के नेता राजकुमार पाल के दावों को सिरे से खारिज कर रहे हैं. विपक्षी नेताओं का दावा है कि इलाके की समस्याएं जस की तस हैं.
(रिपोर्ट- सुनील यादव)