यूपी विधानसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. अंतिम चरण में ही मऊ जिले की मऊ सदर सीट के लिए भी मतदान होना है. मऊ सदर विधानसभा सीट को मुख्तार अंसारी का गढ़ मानी जाती है. मुख्तार अंसारी इस दफे यूपी की चुनावी रणभूमि में नजर नहीं आएगा. जेल में बंद मुख्तार अंसारी इस दफे चुनाव नहीं लड़ेगा.
मऊ सदर विधानसभा सीट से इस दफे मुख्तार अंसारी के पुत्र अब्बास अंसारी चुनाव मैदान में उतरे हैं. अब्बास अंसारी ने सोमवार को मऊ सदर सीट से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है. अब्बास के नामांकन के साथ ही ये साफ हो गया है कि इस दफे मऊ की चुनावी रणभूमि में मुख्तार अंसारी नहीं उतरेगा.
गौरतलब है कि मऊ सदर विधानसभा सीट समाजवादी पार्टी की गठबंधन सहयोगी ओमप्रकाश राजभर की पार्टी के पास थी. मुख्तार अंसारी की जगह उसके बेटे अब्बास ने सुभासपा के टिकट पर नामांकन दाखिल किया है. मऊ सदर विधानसभा सीट पर 1996 से 2017 तक मुख्तार अंसारी का कब्जा रहा. अब मुख्तार ने अपनी सेफ सीट बेटे के लिए छोड़ दी है.
अब्बास अंसारी 2017 का विधानसभा चुनाव हार चुके हैं. अब्बास अंसारी ने 2017 का विधानसभा चुनाव बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर मऊ जिले की ही घोसी विधानसभा सीट से लड़ा था. तब अब्बास अंसारी को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के फागू चौहान से मात खानी पड़ी थी. फागू चौहान इस समय बिहार के राज्यपाल हैं.
बता दें कि अब्बास अंसारी निशानेबाज भी हैं. मऊ जिले की विधानसभा सीटों पर मतदान सातवें और अंतिम चरण में 7 मार्च को होना है. चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आएंगे.