यूपी के आजमगढ़ जिले की एक विधानसभा सीट है आजमगढ़ सदर विधानसभा सीट. ये इलाका काशी और अवध के बीच है और इसे दुर्वासा, चंद्रमा और दत्तात्रेय ऋषि की तपोभू्मि के तौर पर जाना जाता है. ये धरती साहित्यकार, लेखकों की भी धरती रही है. कहा जाता है यहां से जो जर्रा उठता है वह नैयर-ए-आजम होता है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
आजमगढ़ सदर विधानसभा सीट की राजनीतिक पृष्ठभूमि की बात करें तो परिस्थितियों के हिसाब से समीकरण बदलते रहे हैं. कभी कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले इस इलाके को अब समाजवादी पार्टी का गढ़ कहा जाता है. इस विधानसभा सीट के चुनावी अतीत की बात करें तो सपा के कद्दावर नेता और यूपी सरकार के पूर्व मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव आठ दफे इस सीट से विधानसभा पहुंचे हैं.
आजमगढ़ सदर विधानसभा सीट से दुर्गा प्रसाद यादव ने 1985 में निर्दलीय चुनाव लड़ा था और जीते भी. दुर्गा प्रसाद यादव 1989 और 1991 में जनता दल के टिकट पर विधानसभा पहुंचे. दुर्गा प्रसाद यादव को 1993 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के उम्मीदवार से मात खानी पड़ी थी. साल 1996 में वे सपा में शामिल हुए और इसके बाद 2017 तक लगातार पांच दफे विधायक निर्वाचित हुए.
2017 का जनादेश
आजमगढ़ सदर विधानसभा सीट से 2017 के चुनाव में भी सपा के टिकट पर दुर्गा प्रसाद यादव मैदान में थे. दुर्गा प्रसाद गुप्ता के सामने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अखिलेश मिश्रा को उम्मीदवार बनाया. बीजेपी की लहर के बावजूद दुर्गा प्रसाद यादव अपना किला बचाने में सफल रहे थे. दुर्गा प्रसाद यादव ने बीजेपी के अखिलेश को 26 हजार वोट के बड़े अंतर से हराकर आठवीं दफे विधानसभा में प्रवेश किया था.
सामाजिक ताना-बाना
आजमगढ़ सदर विधानसभा सीट के सामाजिक समीकरणों की बात करें तो यहां हर जाति-वर्ग के लोग रहते हैं. आजमगढ़ सदर विधानसभा सीट को यादव बाहुल्य सीट माना जाता है. इस विधानसभा क्षेत्र में सवर्ण मतदाता भी बड़ी तादाद में हैं. अन्य पिछड़ा वर्ग और दलित मतदाता भी इस विधानसभा सीट का चुनाव परिणाम निर्धारित करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
आजमगढ़ सदर सीट से विधायक दुर्गा प्रसाद यादव का दावा है कि उनके कार्यकाल में विधानसभा क्षेत्र का विकास हुआ है. उनका दावा है कि अपने कार्यकाल में विधानसभा क्षेत्र में ढांचागत निर्माण पर जोर दिया है. इस क्षेत्र में विकास की एक-एक ईंट पर सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का नाम लिखा है. सपा की सरकार रहते पुल, विद्युत उपकेंद्र का निर्माण कराया और सड़कों का जाल बिछाया. शिक्षा, स्वास्थ्य सहित कई क्षेत्रों में बड़ी-बड़ी योजनाओं पर काम हुआ. विपक्ष के नेता विधायक के दावों को हवा हवाई बता रहे हैं.