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चुनाव में एक-दूसरे को घेरने के लिए नए-नए जुमले गढ़ रहे सियासतदान

लोकसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक दल अपना प्रचार करने के साथ-साथ विपक्षी पार्टियों पर जमकर छींटाकशी करने में लगी हुई हैं.

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रॉबर्ट वाड्रा पर भी खूब लगा निशाना
रॉबर्ट वाड्रा पर भी खूब लगा निशाना

लोकसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक दल अपना प्रचार करने के साथ-साथ विपक्षी पार्टियों पर जमकर छींटाकशी करने में लगी हुई हैं. इस छींटाकशी के दौरान विभिन्न नेताओं द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्द जैसे 'आरएसवीपी मॉडल', 'टॉफी मॉडल', 'एके-49', 'खबरों के कारोबारी', 'जीजाजी', 'मां-बेटा सरकार', 'शहजादा' राजनीति के नए मुहावरे बनकर उभरे हैं.

राजनीति का यह नया शब्दकोश निश्चित तौर पर मौजूदा राजनीति की प्रकृति जाहिर करता है. बीजेपी के नेता नरेंद्र मोदी इस मामले में सबसे आगे नजर आते हैं. हालांकि कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी ऐसे कई शब्दों का इस्तेमाल करते सुने गए.

देश की राजनीति में शायद यह पहला ऐसा लोकसभा चुनाव है, जिसमें चाय विक्रेता इतनी चर्चा में हैं. बीजेपी ने मोदी की चाय बेचने वाले की छवि को भुनाने के लिए 'चाय पर चर्चा' नाम से ही अपना प्रचार अभियान शुरू कर दिया.

इस लोकसभा चुनाव में जहां कॉरपोरेट विज्ञापनों की तर्ज पर ही भव्य चुनाव प्रचार देखने को मिल रहा है, वहीं पहली बार राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोपों में देश के कुछ बड़े उद्योगपतियों पर भी निशाना साधा गया.

बीजेपी द्वारा प्रचारित और बहुचर्चित गुजरात के विकास मॉडल को लेकर छिड़ी बहस ने राजनीतिक शब्दकोश को कई नए मुहावरे दिए.

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राहुल गांधी ने गुजरात मॉडल को 'टॉफी मॉडल' की संज्ञा देते हुए कहा कि गुजरात सरकार ने उद्योगपतियों को टॉफी की कीमत पर जमीनें बेच दीं. राहुल ने गुजरात मॉडल पर प्रहार करते हुए इसे 'टी-20 मैच' भी कह डाला. राहुल ने एक इंटरव्यू में कहा, 'उन्होंने (मोदी) एक ही व्यक्ति को 45 हजार एकड़ जमीन दे दी. भूमि आवंटन में जैसे वे टी-20 मैच खेल रहे हों. हम ऐसा नहीं करते.'

बीजेपी के लोकसभा चुनाव में जीत के दावों को राहुल गांधी ने फूला हुआ गुब्बारा बताया और कहा कि यह 2004 और 2009 के चुनावों की तरह ही फूट जाएगा. राहुल ने एक चुनावी रैली में मोदी पर सीधे निशाना साधते हुए कहा, 'वह (मोदी) देश का चौकीदार बनना चाहते हैं.'

मोदी ने कांग्रेस की तरफ से अपने ऊपर किए गए हर हमले का जमकर जवाब दिया और कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अक्सर 'शहजादा' कहकर उनकी खिल्ली उड़ाई. मोदी ने एक चुनावी भाषण के दौरान कहा, 'शहजादा अपने गुब्बारों और टॉफियों के साथ खेल रहे होंगे. देश एक परिपक्व नेता चाहता है और अधिक से अधिक ट्रॉफी जीतना चाहता है.'

नामांकन पत्र में पहली बार अपनी वैवाहिक स्थिति का जिक्र करने के कारण चारों तरफ से हमलों का शिकार हुए मोदी ने जवाबी हमले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के भूमि विवाद पर जमकर निशाना साधा. मोदी ने अपने कई भाषणों के दौरान वाड्रा को 'जीजाजी' नाम से भी संबोधित किया और गांधी परिवार को आरएसवीपी (राहुल, सोनिया, वाड्रा, प्रियंका) मॉडल की संज्ञा दे डाली.

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मोदी ने कांग्रेस के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन यूपीए सरकार को 'मां-बेटा सरकार' और अखिलेश यादव की यूपी सरकार को 'बाप-बेटा सरकार' कहा.

प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों के अलावा मोदी ने मीडिया पर भी निशाना साधते हुए कुछ पत्रकारों को 'खबरों के कारोबारी' तक कह डाला. मोदी ने पत्रकारों पर आरोप लगाया कि वे गुजरात में उनके कार्यों को न दिखाकर उद्योगपतियों से उनकी मुलाकातों को ही खबर में दिखाते हैं.

भ्रष्टाचार के खिलाफ नारा बुलंद करने वाली बमुश्किल दो वर्ष पुरानी पार्टी AAP के नेता अरविंद केजरीवाल को तो मोदी ने 'एके-49' ही कह दिया.

मोदी ने केजरीवाल की बात-बात पर धरना देने और 49 दिन की दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए यह मुहावरा उछाला.

केजरीवाल को हालांकि भले दूसरे राजनीतिक दलों या नेताओं के खिलाफ इस तरह के मुहावरों का इस्तेमाल करते नहीं सुना गया, पर वह अपने हर संबोधन में 'उसूल', 'राजनीति में भूचाल', 'सच्चाई और ईमानदारी' जैसे जुमले बार-बार दोहराते जरूर सुने जा सकते हैं.

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