सफर के दौरान ट्रेन में मिले एक हिंदू सैन्य अफसर के बयान के आधार पर ही समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय महासचिव और अखिलेश सरकार के कद्दावर मंत्री आजम खान ने कारगिल वाला गोला दागा था. इस बात का खुलासा खुद ही आजम खान ने इंडिया टुडे के साथ विशेष बातचीत में किया.
गौरतलब है कि आजम खान ने एक विवादास्पद बयान दिया था कि कारगिल युद्ध में भारत को जीत हिंदुओं ने नहीं, बल्कि मुस्लिम सैनिकों ने दिलाई. इस बयान को लेकर भले ही आजम अपने विरोधियों के राडार में आ गए हों, लेकिन उनका कहना है कि मैंने जो भी कहा वह पूरी तरह सच है. आजम कहते हैं कि मेरे पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं और जब जरूरत पड़ेगी तो मैं इन्हें सबके सामने पेश भी कर दूंगा.
आजम बताते हैं कि उनकी कुछ साल पहले सेना के एक बड़े अफसर से ट्रेन में मुलाकात हुई थी. इस अफसर ने कारगिल युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इसी हिंदू अफसर ने मुझे बताया कि जब कारगिल में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सैनिकों पर पहला हमला किया तो रणनीति के तहत सिर्फ मुसलमान सैनिकों को आगे किया गया.
आजम के मुताबिक, रणनीति यह थी कि मुसलमान सैनिक आगे जाकर 'अल्ला हो अकबर' के नारे लगाएंगे, जिससे पाक सेना या वहां के लड़ाकों के मन में ये शक पैदा हो जाए कि सामने से उनके सैनिक आ रहे हैं. या फिर वो ये समझे कि उनकी टुकड़ी में बगावत हो गई है. विवादों में घिरे आजम खान ने कहा कि भोपाल में रहने वाले इन अफसर ने मुझे बताया कि सेना की ये रणनीति कामयाब रही.
'अल्ला हो अकबर' के नारे सुनकर पाक सैनिक गफलत में बाहर निकल आए और फिर भारतीय सेना ने उन पर हमला कर दिया. खान ने कहा कि जरूरत पड़ने पर वे उस सैनिक अफसर का नाम और बाकी सबूत सामने रख देंगे. खान ने दलील दी कि अगर मुसलमान देश पर कुर्बान होने में आगे रहना चाहें, तब भी लोगों को ऐतराज है तो हम क्या करें.