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जानें कांग्रेस का पूरा राजनीतिक सफर

आजादी के पहले स्वतंत्रता संग्राम की धुरी रही कांग्रेस, आजादी के बाद अकेली सबसे बड़ी पार्टी थी. एक वक्त था जब इस 'ग्रैंड ओल्ड पार्टी' को केंद्र की सत्ता में पूरे 25 सालों तक कोई सीधी टक्कर देने वाला भी नहीं था. आज आलम ये है कि केवल 9 राज्यों की सत्ता में कांग्रेस की मौजूदगी है.

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कांग्रेस का लोगो और झंडा
कांग्रेस का लोगो और झंडा

आजादी के पहले स्वतंत्रता संग्राम की धुरी रही कांग्रेस, आजादी के बाद अकेली सबसे बड़ी पार्टी थी. एक वक्त था जब इस 'ग्रैंड ओल्ड पार्टी' को केंद्र की सत्ता में पूरे 25 सालों तक कोई सीधी टक्कर देने वाला भी नहीं था. आज आलम ये है कि केवल 9 राज्यों की सत्ता में कांग्रेस की मौजूदगी है.

ये हैं कांग्रेस के अबतक के सफर की 5 बड़ी बातें...

1. आजादी के बाद 1952 में देश के पहले चुनाव में कांग्रेस सत्ता में आई. 1977 तक देश पर केवल कांग्रेस का शासन था. इस साल हुए चुनाव में जनता पार्टी ने कांग्रेस की कुर्सी छीन ली. हालांकि तीन साल के अंदर ही 1980 में कांग्रेस वापस गद्दी पर काबिज हो गई. 1989 में कांग्रेस को फिर हार का सामना करना पड़ा. लेकिन 1991, 2004, 2009 में कांग्रेस ने दूसरी पार्टियों के साथ मिलकर केंद्र की सत्ता हासिल की.
2. आजादी के बाद कांग्रेस कई बार विभाजित हुई. करीब 50 नई पार्टियां इस संगठन से निकल कर बनीं. इनमें से कई निष्क्रिय हो गए तो कईयों का INC और जनता पार्टी में विलय हो गया. कांग्रेस का सबसे बड़ा विभाजन 1967 में हुआ जब इंदिरा गांधी ने अपनी अलग पार्टी बनाई जिसका नाम INC (R) रखा. 1971 के चुनाव के बाद चुनाव आयोग ने इसका नाम INC कर दिया.
3. इस तरह कांग्रेस में होता है संगठन का काम
-ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी (AICC): राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी का काम देखना एआईसीसी की जिम्मेदारी होती है. राष्ट्रीय अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के अलावा पार्टी के महासचिव, खजांची, पार्टी की अनुशासन समिती के सदस्य और राज्यों के प्रभारी इसके सदस्य होते हैं.
- प्रदेश कांग्रेस कमिटी (PCC): हर राज्य में कांग्रेस की ईकाई है जिसका काम स्थानीय और राज्य स्तर पर पार्टी के कामकाज को देखना होता है.
-कांग्रेस संसदीय दल (CPP): राज्यसभा और लोकसभा में पार्टी के सांसद संसदीय दल का हिस्सा होते हैं.
-कांग्रेस विधायक दल (CLP): राज्य स्तरीय इस ईकाई में राज्य की विधानसभा में पार्टी विधायक सीएलपी के सदस्य होते हैं. अगर किसी राज्य में कांग्रेस की सरकार है तो वहां का मुख्यमंत्री ही विधायक दल का नेता होता है.
4. युवाओं, छात्रों, महिलाओं, व्यापारियों के लिए पार्टी की अलग अलग विंग है- -छात्रों के लिए नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI),
-युवाओं के लिए इंडियन यूथ कांग्रेस (IYC)
-व्यापारियों के लिए इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (INTUC)
-महिलाओं के लिए
5. पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 9 सितंबर 1938 में 'नेशनल हेराल्ड' नाम की एक अखबार निकाली थी. इसे नेहरू के मुखपत्र के तौर पर देखा गया. पैसों की कमी के चलते साल 2008 में इसका प्रकाशन बंद कर दिया गया.

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