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मेनिफेस्टो में है जनता के सपनों की महक, बदले की भावना से नहीं करूंगा काम: नरेंद्र मोदी

भारतीय जनता पार्टी का घोषणा पत्र जारी होने के दौरान पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर सुशासन और विकास की जरूरत पर बल दिया. हालांकि मेनिफेस्टो पर बोलने के दौरान मोदी के सुर कुछ बदले-बदले से नजर आए. उन्होंने पार्टी में सामूहिक नेतृत्व की बात की और बार-बार अपने वरिष्ठ नेताओं का जिक्र किया.

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Narendra Modi
Narendra Modi

भारतीय जनता पार्टी का घोषणा पत्र जारी होने के दौरान पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर सुशासन और विकास की जरूरत पर बल दिया. हालांकि मेनिफेस्टो पर बोलने के दौरान मोदी के सुर कुछ बदले-बदले से नजर आए. उन्होंने पार्टी में सामूहिक नेतृत्व की बात की और बार-बार अपने वरिष्ठ नेताओं का जिक्र किया. उनके पूरे भाषण में आज कुछ अतिरिक्त विनम्रता थी. उन्होंने अपने लिए तीन मानदंड बताए. उन्होंने कहा, 'बदले की भावना से काम नहीं करूंगा, अपने लिए कुछ नहीं करूंगा और पूरी मेहनत से काम करूंगा.'

मुरली मनोहर जोशी और लाल कृष्ण आडवाणी को उनकी पसंदीदा सीट से लड़ने का मौका नहीं मिला, तो इसके लिए मोदी को ही जिम्मेदार समझा जाता है. लेकिन नई दिल्ली में सोमवार को मोदी ने बार-बार दोनों नेताओं की तारीफों के पुल बांधे.

नरेंद्र मोदी का पूरा भाषण
डॉ. जोशी और उनकी टीम ने देश की आशा आकांक्षा का प्रतिविंब पेश किया है. हमारे लिए मेनिफेस्टो एक चुनावी रिचुअल या कागजी दस्तावेज नहीं है. ये हमारी दिशा है, हमारा लक्ष्य है. प्रतिबद्धता है. अगर दो शब्दों में कहना हो तो कहूंगा. दो मूल बातों को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं, गुड गवर्नेंस और डिवेलपमेंट.

जब हम विकास की बात करते हैं, तो यह सर्वसमावेशक हो. सर्वस्पर्शी हो. सार्वदेशिक हो. सर्वप्रिय हो. जब हम गुड गवर्नेंस सरकार वो होनी चाहि्ए, जो गरीब के लिए सोचे, गरीब की सुने. उनके लिए सरकार का ही सहारा होता है.

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शासन के बारे में पंडित दीनदयाल जी ने जो बात कही थी. अंत्योदय की कल्पना कर आगे बढ़ना. सुरक्षा के मसले पर भारत सक्षम हो, सामर्थ्यवान हो. जीरो टॉलरेंस के साथ देश को आगे बढ़ना होगा. दिल्ली में मजबूत सरकार हो, ताकि दुनिया आंख दिखाए नहीं, लेकिन आंख मिलाने का मन कर जाए. और यही हम पर भी लागू हो.

आज देश जो गड्ढे में गिरा है, उसको बाहर लाने की, गति देने की ताकत मेनिफेस्टो में है. देश के 125 करोड़ नागरिक इस गुलदस्ते में अपने सपनों की महक पा सकते हैं. अगले 60 महीने में जब जनता बीजेपी को शासन चलाने का भार सौंपेगी, तब इसी मेनिफेस्टो के मुताबिक हम डिलीवर करेंगे. कमी नहीं छोड़ेंगे.

हमारा लक्ष्य है, एक भारत, श्रेष्ठ भारत. हमारा रास्ता है, सबका साथ, सबका विकास. व्यक्तिगत रूप से मेरी पार्टी ने मुझे जिम्मेदारी दी है. आज मैं देश की जनता के सामने यह कहना चाहता हूं कि व्यक्ति के रूप में मुझे जो दायित्व देश की जनता देगी, उसे पूरा करने में, परिश्रम करने में कभी कमी नहीं रखूंगा. दूसरी बात, मैं अपने लिए कभी कुछ नहीं करूंगा. तीसरी बात, बदले के इरादे से कभी काम नहीं करूंगा.

मुझे यकीन है कि देश चलाने का हुनर बीजेपी के सामूहिक नेतृत्व में है. अटल जी-आडवाणी के नेतृत्व में एनडीए का जो ट्रैक रिकॉर्ड है, बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों का जो रिकॉर्ड है. वह यह साबित करता है कि सुशासन मुमकिन है.

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