इसे नरेंद्र मोदी की लहर कहिए या कहर या फिर असर, उनके कारण अब पुराने राजनीतिक दुश्मन भी साथ आते नजर आ रहे हैं.
बिहार: नीतीश और लालू एक साथ?
अब बिहार को ही ले लीजिए. कभी मंडल आयोग के जमाने में एक साथ राजनीति करने वाले लालू यादव और नीतीश कुमार एक दूसरे के धुर विरोधी बन गए. दोनों अलग-अलग विचारधारा पर सियासत करने लगे. नीतीश ने बिहार में लालू राज का अंत किया. लेकिन जैसे ही 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजे आए बिहार की सियासत में हड़कंप मच गया. बिहार ने नीतीश की तथाकथित विकास की राजनीति को नकार दिया और लालू की सेकुलर सियासत पर भी भरोसा नहीं दिखाया. उन्हें नरेंद्र मोदी में उम्मीद दिखी. बिहार के परिणाम चौंकाने वाले रहे. 20 सीटों वाली जेडीयू दो पर आ गई. लालू की बेटी मीसा भारती और पत्नी राबड़ी देवी हार गईं. हार की जिम्मेदारी लेते हुए नीतीश कुमार ने बिहार के सीएम पद से इस्तीफा दे दिया. वैसे भी उनकी सरकार अल्पमत में थी. पार्टी अध्यक्ष शरद यादव ने ऐलान कर दिया कि अब जेडीयू विधायक दल का नया नेता चुनेगा, और सरकार चलाने के लिए सभी सेकुलर ताकतों को साथ लाया जाएगा. इशारा राष्ट्रीय जनता दल और लालू की ओर भी था. शरद यादव के इस न्यौते को आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव ने अभी तक खारिज नहीं किया.
महाराष्ट्र: शिवसेना-एमएनएस के सुधरेंगे संबंध?
लोकसभा चुनाव में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने शनिवार को सद्भाव दिखाते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के लिए गुलदस्ता भेजा. राज्य में लोकसभा की 48 सीटों में से शिवसेना को 18 सीटें मिली हैं. उसने 20 सीटों पर चुनाव लड़ा था. सूत्रों ने कहा कि राज के जनसंपर्क अधिकारी सचिन मोरे उद्धव के आवास मातोश्री पर पांच फुट ऊंचा गुलदस्ता लेकर गए. पार्टी के नए सांसदों के साथ बैठक के बाद उद्धव आराम कर रहे थे. गुलदस्ता शिवसेना नेता आदेश बांडेकर ने लिया. सूत्रों ने कहा कि राज ने गुलदस्ते के साथ बधाई संदेश भी भेजा था. राज की मनसे इस चुनाव में अपना खाता भी नहीं खोल सकी.
दिल्ली: AAP-कांग्रेस मिलकर बनाएंगे सरकार?
दिल्ली में मोदी लहर का सबसे ज्यादा असर दिखा. बीजेपी के खाते में सभी सात सीटें गईं. अब सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि दिल्ली में चुनाव टालने और बीजेपी को रोकने के लिए कांग्रेस ने AAP को समर्थन का प्रस्ताव दिया है. हालांकि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने AAP को समर्थन का प्रस्ताव देने की खबर को खारिज कर दिया. बताया जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल सहित कुछ शीर्ष नेताओं के साथ बैठक में AAP के करीब 20 विधायकों ने कहा कि पार्टी को सरकार बनाने की फिर से कोशिश करनी चाहिए.
उत्तराखंडः सरकार बचाने की कवायद में जुटे हरीश रावत
सूबे की पांचों सीटें हारने के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत डैमेज कंट्रोल मोड में आ गए हैं. उन्होंने अपने विरोधी खेमे के 11 विधायकों को कैबिनेट मंत्री पद का दर्जा दे दिया है. गौरतलब है कि हरीश रावत को इन चुनावों में विजय बहुगुणा और सतपाल महराज कैंप का खासा विरोध झेलना पड़ा. असर नतीजों पर भी दिखा. अब हरीश रावत अपनी सरकार बचाने के कवायद में जुट गए हैं.