यूपी के अमेठी में बीते पांच मई को हुई नरेंद्र मोदी की रैली चुनाव आयोग के निशाने पर है. संभावना है कि मोदी की इस रैली पर भारी खर्च किया गया और यहां से बीजेपी उम्मीदवार स्मृति ईरानी की चुनाव खर्च की सीमा पार कर गई है. हालांकि, आयोग इस बारे में किसी आखिरी नतीजे तक नहीं पहुंचा है लेकिन अगर जांच में यह सही पाया गया तो स्मृति की उम्मीदवार रद्द भी हो सकती है.
अंग्रेजी अखबार 'द इकोनॉमिक टाइम्स' ने आयोग के एक अधिकारी के हवाले से खबर दी है कि आयोग मोदी की अमेठी रैली पर हुए खर्च का आकलन करने में जुटा है. आयोग ने एक उम्मीदवार के लिए चुनाव प्रचार पर खर्च की सीमा 70 लाख रुपये तय की है. आयोग इस बात की जांच कर रहा है कि स्मृति ईरानी की खर्च सीमा कहीं 70 लाख को पार तो नहीं कर गई.
आयोग के एक अधिकारी ने नाम उजागर नहीं किए जाने की शर्त पर अखबार को बताया, 'इस जांच का मकसद यह पता करना है कि स्मृति ने जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 77 और 78 का उल्लंघन तो नहीं किया है.'
गांधी परिवार के गढ़ माने जाने वाले अमेठी में इस बार भी कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी चुनावी मैदान में हैं. जबकि बीजेपी ने स्मृति ईरानी तो आम आदमी पार्टी ने कुमार विश्वास को चुनावी मैदान में उतारा है.
कांग्रेस के एक सीनियर नेता के मुताबिक पार्टी भी मोदी की रैली को लेकर चुनाव आयोग से शिकायत करेगी और स्मृति ईरानी की उम्मीदवारी रद्द करने के लिए दबाव बनाएगी. कांग्रेस नेता ने कहा, 'पार्टी ईरानी और बीजेपी के प्रचार अभियान के तरीके के मद्देनजर इन्हें बख्शने के मूड में नहीं है.'