देश के विभिन्न राज्यों में लोकसभा और विधानसभा की सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है. इन सभी सीटों पर आने वाली 17 अप्रैल को चुनाव होंगे जबकि 2 मई को पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के नतीजों के साथ इन सीटों के भी परिणाम घोषित किए जाएंगे.
17 अप्रैल को 2 लोकसभा सीटों पर और 14 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होगा. जिन दो लोकसभा सीटों पर उप चुनाव होने हैं. उनमें आंध्र प्रदेश की तिरुपति सीट और कर्नाटक की बेलगाम सीट शामिल है. वहीं विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की बात करें तो इनमें गुजरात की मोरवा हदफ, झारखंड की मधुपुर, कर्नाटक की मस्की और बस्वकल्यान, मध्य प्रदेश की दामोह, महाराष्ट्र की पंधारपुर, मिजोरम की सेरछिप, नागालैंड की नोकसेन, ओडिशा की पीपली, राजस्थान की सहारा, सुजानगढ़, राजमसंद सीट शामिल हैं. इसके अलावा तेलंगाना की नागार्जुन सागार और उत्तराखंड की सल्ट सीट पर भी उपचुनाव होना है.
मधुपुर में जेएमम और एनडीए के बीच टक्कर
झारखंड की मधुपुर सीट पर जेएमएम और बीजेपी के सहयोगी दलों के उम्मीदवारों के बीच टक्कर है. इस सीट पर नामांकन की आखिरी तारीख 30 मार्च है. जेएमएम विधायक और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के निधन के बाद से यह सीट खाली है. अंसारी को कोरोना हुआ था जिसके बाद वह ठीक हो गए थे लेकिन बाद में कोरोना संबंधी दिक्कतों के चलते 3 अक्टूबर को उनका निधन हो गया था.
उनके बेटे हफीजुल हसन को पांच फरवरी 2021 को अल्पसंख्यक मंत्री का पद दिया गया था. हालांकि उनका चुनाव लड़ना बाकी है. हजीफुल को जेएमएम ने मधुपुर से उम्मीदवार बनाया है. इस सीट पर आरजेडी अपना उम्मीदवार उतारने की फिराक में थी लेकिन हेमंत सोरेन ने हफीजुल के नाम के ऐलान के साथ यह साफ कर दिया कि सीटों के बंटवारे के मामले में जीती हुई सीट पर जेएमएम किसी से कोई समझौता नहीं करेगी .
मोरवा हदफ से निर्दलीय प्रत्याशी को मिली थी जीत
गुजरात की मोरवा हदफ सीट से निर्दलीय उम्मीदवार भूपेंद्र खांट को 2017 विधानसभा चुनाव में जीत मिली थी. साल 2019 में गुजरात विधानसभा स्पीकर राजेंद्र त्रिवेदी ने खांट को अयोग्य करार दिया था. उनके खिलाफ फर्जी कागजात जमा करने का आरोप लगा था. तत्कालीन गवर्नर ओपी कोहली ने उन्हें सस्पेंड करने के निर्देश दिए थे जिसके बाद चुनाव आयोग खांट को अयोग्य करार मानकर फिर से चुनाव कराने का फैसला लिया था.