लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश में नेताओं के दल-बदल और चुनवी टिकट पक्की करने की जुगत तेज हो गई है. बीते कुछ दिनों से लगभग हर दिन 'आयाराम-गयाराम' की राजनीति में कुछ नए नाम जुड़ते चले जा रहे हैं. ताजा बदलाव में दिल्ली में रामकृपाल यादव ने बीजेपी का दामन थामा तो बिहार में नीतीश कुमार ने एक साथ आरजेडी के कई बड़े नाम को अपने पाले में कर लिया.
दूसरी ओर, बीते दिनों आरजेडी को बड़ी टूट से बचाने वाले लालू प्रसाद के करीबी और कोईरी जाति के मजबूत नेता शकुनी चौधरी ने नीतीश कुमार का दामन थाम लिया. इसके साथ ही लालू यादव के साथ चारा घोटाले में सजायाफ्ता और पूर्व सांसद आरके राणा के बेटे भी नीतीश के साथ हो लिए.
शकुनी चौधरी के बेटे सम्राट चौधरी ने आरजेडी से बगावत करके पार्टी में पहले ही तोड़-फोड़ मचा दी थी, वहीं अब चर्चा है कि उनके पिता शकुनि चौधरी खगड़िया से जेडीयू के उम्मीदवार होंगे. लालू से पाला बदलकर नीतीश के साथ आए अबू कैसर भी भागलपुर से चुनाव लड़ेंगे. खास बात यह है कि इन नेताओं ने न सिर्फ पार्टी बदली बल्कि अब पुरानी पार्टी का पोल खोलने में भी लग गए हैं.
घर का भेदी...
अबु कैसर ने हाल ही प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि लालू यादव की नरेन्द्र मोदी के साथ 'अंडर टेबल डीलिंग है और लालू यादव उनके मोबाइल से नरेन्द्र मोदी के संपर्क में रहे हैं. दूसरी ओर, शकुनी चौधरी ने खुलासा किया है कि अब्दुलबारी सिद्दकी ने 13 नेताओं को पार्टी से तोड़ने की तैयारी की थी. उन्होंने विधायकों से साइन करवाए और आखिरी वक्त में टिकट मिलने के बाद विधायकों के साथ वादा खिलाफी कर दी.
लालू को बताया गद्दार
शकुनी चौधरी इतने पर ही नहीं रुके. उन्होंने लालू यादव को गद्दार नेता की संज्ञा दी और जीवन में उनके साथ कभी नहीं जाने की कसम भी खाई. उधर, दूसरे खेमें में बुधवार को बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष महबूब अली कैसर ने रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी का दामन थाम लिया. वह खगड़िया से पार्टी के उम्मीदवार होंगे.